देहरादून में बीती शनिवार रात महिला की हत्या से सनसनी फैल गई। बता दें कि देहरादून के नेहरु कॉलोनी थाना क्षेत्र के गोरखपुर क्षेत्र में रुपयों को लेकर हुए विवाद में पति ने पत्नी स्वाति (28) की गला रेत कर हत्या कर दी। उसकी एक 6 साल की बेटी है और एक 10 महीने का बच्चा भी है। दोनों रोते बिलखते रहे। वहीं पत्नी की हत्या कर पति फरार हो गया. मां को लहुलुहान देख 6 साल की बच्ची ने अपने नाना को फोन किया। नाना ने इसकी जानकारी देहरादून में रह रहे रिश्तेदारों को दी। और फिर रिश्तेदारों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पुलिस पहुंची और घटनास्थल का जायजा लिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और पड़ोसियों से पूछताछ की।
लेकिन अब हम कहानी में झोल इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इस मामले में सीओ नेहरु कॉलोनी अनिल जोशी का बयान और थाना प्रभारी का बयान अलग-अलग और जुदा-जुदा है जिससे मीडिया भी कन्फ्यूज हो गई है। सवाल ये उठ रहा है कि हत्या जैसे जघन्य अपराध के मामले को पुलिस कितने हल्के में लेती है कि उसकी ठीक से जानकारी तक नहीं जुटाती। सीओ कुछ और बयान दे रहे हैं तो थाना प्रभारी से मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने मीडिया को कल सुबह आकर बात करने की बात कही।
सीओ और थाना प्रभारी का बयान
नेहरु कॉलोनी सीओ अनिल जोशी के अनुसार आरोपी पति को देर रात में ही हिरासत में ले लिया गया था जिससे लगातार पूछताछ की जा रही है। तो वहीं थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी प्रदीप चौहान का कहना है कि अभी तक आरोपी को हिरासत में नहीं लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई है। सीओं के गिरफ्तारी वाले बयान से मीडिया असमंजस की स्थिति में आ गई और हमारे संवाददाता ने थाना प्रभारी को फोन कर जानकारी लेनी चाही लेकिन थाना प्रभारी ने कल सुबह यानी की सोमवार को आकर बात करने को कहा।सवाल ये है कि आखिर जिम्मेदार अफसर इतने संगीन मामले को कैसे हल्के में ले रहे हैं और कैसे लापरवारी से मीडिया को गलत जानकारी दे रहे हैं।