केंद्र में नीति आयोग की भांति उत्तराखंड में बनाया जाएगा सेतु राज्य योजना आयोग, जानें इसके बारे में, क्या होगी जिम्मेदारी?

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प्रदेश में अब नीति आयोग की भांति स्टेट इंस्टीट्यूट फार एम्पावरिंग एंड ट्रांसफार्मिंग उत्तराखंड (SETU) की स्थापना को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखा दी। सेतु राज्य योजना आयोग का स्थान लेगा। मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष और नियोजन मंत्री उपाध्यक्ष होंगे।

संस्था के अंतर्गत तीन केंद्र बनेंगे। इनमें आर्थिक एवं सामाजिक विकास केंद्र, पब्लिक पालिसी एवं सुशासन केंद्र और साक्ष्य आधारित योजना केंद्र गठित किए जाएंगे। इन तीनों केंद्रों में दो-दो यानी कुल छह सलाहकारों की नियुक्ति की जाएगी।

केंद्र में वर्ष 2014 में नीति आयोग के गठन के बाद से ही राज्य को भी इसी भांति आयोग के गठन के निर्देश दिए गए थे। आखिरकार अब उत्तराखंड ने नीति आयोग की भांति सेतु के गठन का निर्णय लिया है। सेतु के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति बाहर से की जाएगी।

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समिति में मुख्य सचिव, समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अवस्थापना विकास आयुक्त, सामाजिक विकास आयुक्त, नियोजन सचिव व वित्त सचिव पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इसके अंतर्गत आठ प्रकोष्ठ कार्य करेंगे। इनमें संपत्ति मुद्रीकरण, बाह्य वित्त सहायतित, भारत सरकार बजट प्रकोष्ठ, बजट योजना निर्माण

प्रकोष्ठ, केंद्र सरकार संचार प्रकोष्ठ, व्यय वित्त प्रकोष्ठ, तकनीकी सलाहकार समिति एवं बजट प्रकोष्ठ सम्मिलित हैं। नियोजन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि आर्थिक व सामाजिक विकास केंद्र कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों, उद्योगों, एमएसआइ, आरडी, पर्यटन सहित रोजगार सृजन की संभावना वाले ग्रोथ ड्राइवर क्षेत्रों की पहचान करेगा।

पब्लिक पालिसी एवं सुशासन केंद्र सरकारी योजनाओं और नीतियों को प्रभावी रूप से डिजाइन और क्रियान्वित करने में योगदान देगा। जनाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उपयुक्त प्रशासनिक एवं संस्थागत सुधार सुनिश्चित करेगा। साथ में शहरी और अद्र्ध शहरी क्षेत्रों के लिए भी नियोजन करेगा।

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साक्ष्य आधारित योजना के लिए केंद्र सांख्यिकीय के बेहतर उपयोग एवं डाटा के विश्लेषण, शोध एवं अनुश्रवण का कार्य करेगा। आर्थिक सलाहकार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सलाहकार के लिए पात्रता शर्तें भी तय की गई हैं।

बाजपुर चीनी मिल को 29 करोड़ का ऋणमंत्रिमंडल ने बाजपुर सहकारी चीनी मिल के आधुनिकीकरण के लिए 29 करोड़ का ऋण लेने को स्वीकृति दी। सरकार इस ऋण की गारंटी देगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली तथा उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, देहरादून के आदेशों के क्रम में बाजपुर चीनी मिल की आसवनी में 23 जनवरी, 2017 से एल्कोहल उत्पादन पूर्ण रूप से बंद है।

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इससे मिल की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो रही है। मिल की आसवनी को दोबारा 25 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता पर संचालन के लिए इसके आधुनिकीकरण का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने राज्य में वित्त, लेखा संबंधी एवं अन्य विषयों पर समस्त विभागों तथा सचिवालय स्तर के कार्मिकों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से वित्त विभाग के अधीन पंडित दीनदयाल उपाध्याय वित्तीय प्रशासन, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, उत्तराखण्ड देहरादून के लिए दो पद सृजित करने को मंजूरी दी है।

पूर्णकालिक व्याख्याता व शोधकर्ता के पद सृजन से संस्थान के कार्यों को बेहतर तरीके से संपादित किया जा सकेगा। कोषागार नियमावली में संशोधनमंत्रिमंडल ने कोषागार विभाग के अंतर्गत लेखा लिपिक के मृत संवर्ग से प्रभावित हो रहे कर्मचारियों की पदोन्नति को ध्यान में रखकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है

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