साल 2020 में आई कोरोना की पहली लहर से परिवहन निगम की आर्थिक स्थिति को किसी की बुरी नज़र लग गई है। जैसे ही रोडवेज के पहिये सरपट पटरी पर आते हीं वैसे ही कोई ना तोई ग्रहण फिर से लग जाता है। अब बहुत समय बाद रोडवेज अपने कर्मचारियों को दिसंबर का वेतन देने में कामयाब रहा मगर कर्मियों को मार्च आने तक भी जनवरी का वेतन नहीं मिल पाया है। इसी कड़ी में निगम ने शासन से अपील की। जिसके बाद सरकार ने 11 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता करने का फैसला किया है।
दरअसल, कोरोना की पहली लहर के दौरान लगे लॉकडाउन ने रोडवेज को नुकसान पहुंचाया। निगम इसके बाद अपने कर्मचारियों को सैलरी देने में असमर्थ होने लगा। हालांकि, अभी वह केवल जनवरी माह का वेतन ही कर्मचारियों को देने की स्थिति में है। बाद में लॉकडाउन हटा को सब नॉर्मल हुआ। मगर फिर दूसरी लहर, आदि समस्याओं ने लगातार मुश्किलें बढ़ाए रखीं। गौरतलब है कि निगम को हर महीने 22 करोड़ रुपए की जरूरत सिर्फ वेतन देने के लिए होती है। ऐसे में निगम लगातार राज्य सरकार से उम्मीद लगाता रहा।
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हालांकि बस संचालन से निगम की आय बेहतर हुई है। मगर वह पूरा खर्चा उठाने में समर्थ नहीं है। निगम ने दिसंबर की सैलरी भी कर्मियों को लेट दी थी। फिर निगम प्रबंधन ने जनवरी में प्रदेश सरकार से आर्थिक सहायता के रूप में 11 करोड़ रुपए मांगे थे। जिस पर अब फैसला हुआ है। आचार संहिता समाप्ति के बाद सरकार से आर्थिक मदद मिल गई है। अब निगम सैलरी देने की कवायद कर रहा है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने बताया कि शासन से मिलने वाली राशि से ईपीएफ जमा होगा। जनवरी माह का वेतन सोमवार को जारी कर दिया जाएगा।