एक बार फिर उत्तराखंड पुलिस के एक जवान ने मिसाल पेश की है। चमोली में एक कॉन्स्टेबल ने अपनी जान पर खेलकर दो युवतियों को बचाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर कॉन्स्टेबल समय पर नहीं पहुंचते तो दोनों की जान खतरे में थी।
बीते रोज चमोली पुलिस के कॉन्स्टेबल विनोद सिंह पवार ने एक बहुत बड़ा उदाहरण पेश किया है। जानकारी के अनुसार विनोद सिंह पवार यातायात का कार्य देख रहे थे तभी विनोद को एक सूचना मिली कि दो लड़कियां यहां करीब 2 घंटे से कर्णप्रयाग पोखरी पुल के नीचे नदी तट पर घूम रही है। जो कि काफी संदिग्ध लग रहा था।
जानकारी के अनुसार युवतियां हाव भाव से मानसिक रूप से भ्रमित भी लग रही थीं। उन दोनों के हाथ आपस में दुपट्टे से बंधे हुए थे। सूचना मिली कि अगर उन्हें समय पर वहां से नहीं हटाया गया तो नदी के तेज बहाव की चपेट में आने से उनकी जान जा सकती है। ऐसे में कॉन्स्टेबल विनोद ने आव देखा न ताव वह तत्काल बताई गई जगह पर जा पहुंचे।
इसके बाद उन्होंने सबसे पहले झाड़ियों में खुद को छुपते छुपाते युवतियों के पास पहुंचने का काम किया। तब तक पानी के तेज बहाव के कारण एक लड़की बस बहने ही वाली थी। ठीक उसी वक्त उसे बालों से पकड़कर खींचा गया। बचाव के दौरान ही दोनों के हाथ दुपट्टे से खोले गए। बता दें कि युवतियां इस बात का स्पष्ट कारण नहीं बता पाई है कि उन्होंने अपने हाथों को दुपट्टे से क्यों बांधा था। बताया जा रहा है वह नदी में छलांग लगाने ही जा रही थीं।
जिन लोगों ने घटना अपनी आंखों से देखी, उनका कहना है कि पुलिस अगर मौके पर नहीं पहुंचती तो दोनों युवतियों को बचाना मुश्किल था स्थानीय लोगों ने कॉन्स्टेबल विनोद सिंह पवार की हिम्मत और कर्तव्य के प्रति निष्ठा की बहुत तारीफ की। इस दौरान पुलिस अधीक्षक चमोली श्रीमती श्वेता चौबे आईपीएस ने भी विनोद सिंह पवार को पुरस्कार देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा मानव जीवन को बचाना श्रेष्ठ कार्यों में से एक है। इस कार्य की सूचना वह उच्चाधिकारियों को भी देंगी।