भाजपा के खेमें से अब तक की एक बड़ी खबर सामने आ रही है जानकारी के अनुसार यहां पर भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के कांग्रेस में वापसी के बाद तराई का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। यशपाल के इस कदम के बाद सत्तारुढ़ भाजपा ने डैमेज कंट्रोल की कसरत शुरू कर दी है।
बता दें कि यशपाल आर्य तराई की सीटों पर खासा प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि प्रदेश भाजपा के आला नेता अब फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। यशपाल आर्य के बाद और असंतुष्ट नेता कांग्रेस का रुख न करें, इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।भाजपा के कद्दावर नेता यशपाल आर्य और संजीव आर्य ने कांग्रेस में घर वापसी की थी। यशपाल के कदम के बाद उत्तराखंड की सियासत गर्मा गई थी। तराई में किसानों का विरोध झेल रही भाजपा के लिए यशपाल के पार्टी छोड़ने के फैसले ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। यशपाल के साथ कोई बड़ा पदाधिकारी पार्टी न छोड़े, इसे लेकर भाजपा ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि यशपाल के साथ कोई पदाधिकारी न जाए, इसे लेकर भी विशेष फोकस किया गया है। इसके साथ ही पार्टी को मजबूत करने के लिए शक्ति केंद्रों के सम्मेलन शुरू करने और जल्द ही विधानसभा के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया।भाजपा के साथ ही कुमाऊं को फोकस कर रही कांग्रेस 18 अक्तूबर को हल्द्वानी में बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है। इसमें कुमाऊं भर के नेता और कार्यकर्ता शिरकत करेंगे। इसका मकसद कुमाऊं के कार्यकर्ताओं में जोश भरना है। इसमें यशपाल आर्य का स्वागत भी होगा और इसमें कई नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है। इसको लेकर पार्टी की ओर से अंदरखाने तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम में यशपाल आर्य की ताकत का भी प्रदर्शन किया जा सकता है।