काशीपुर के मानपुर रोड पर आर के फ्लोर मिल के ठीक सामने एक अजूबा हुआ है। और वह अजूबा यह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग को पता ही नहीं चला और कोई उसका नाला बनाकर चला गया।
कई किलोमीटर लंबे इस नाले को आर के फ्लोर मिल के सामने तोड़कर लगभग 200 फुट लंबा नाला बनाया गया है। जो सड़क से करीब ढाई तीन फीट ऊंचा है। बारिश होने पर न सिर्फ इस नाले का पानी लोगों के घरों और दुकानों में भरेगा बल्कि सड़क पर भी पानी भरेगा और डामर से बनी सड़क हर बार बनकर टूटती रहा करेगी । क्योंकि इस नए बनाए गए नाले के दोनों ओर का नाला पहले वाले स्थान पर ही गहराई में है ।
मजे की बात तो यह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग इस नाले को बनाने से ही इनकार कर रहा है और यह नाला कैसे बन गया इसे लेकर अनभिज्ञ है। इसे आश्चर्य नहीं तो क्या कहें कि पीडब्ल्यूडी का नाला तोड़कर बना भी दिया गया और इस विभाग को और स्थानीय प्रशासन को पता ही नहीं चला। पूछताछ करने पर स्थानीय निवासी बताते हैं कि हमें नहीं पता कि किसने नाला बनाया और क्यों बनाया ?
कुछ लोग जरूर दबी जुबान से यह भी कहते हैं कि यह नाला किसी प्रॉपर्टी डीलर ने बनाया है जिसकी जमीन इस नाले से मिलती हुई है । अब वह प्रॉपर्टी डीलर कौन है? इसका पीडब्ल्यूडी विभाग और प्रशासन को पता लगाना चाहिए। वैसे एक बात तो जरूर है कि कोई इतना बड़ा काम बगैर विभाग को जानकारी में लिए नहीं कर सकता और किया है तो प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग को जनता को जवाब देना चाहिए। अब देखना यह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग इस नाले के विरुद्ध क्या कार्रवाई करता है ।
इस मामले में जब हमारे संवाददाता ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण कुमार से बात की तो उन्होंने इस नाले के निर्माण के बारे में पूरी तरह से अनभिज्ञता जताई । उन्होंने कहा कि वह नाले की जांच कराएंगे और यदि अतिक्रमण करके नाला बनाया गया है तो उसे तुडवाएंगे। अब सवाल है कि नाला यदि अतिक्रमण की सीमा में नहीं बनाया गया है तो क्या विभाग उसे तुड़वाएगा नहीं । इस तरह तो सरकारी संपत्ति पर कोई भी अपना मनपसंद निर्माण कर लेगा।