, टिकट बुकिंग से पहले बरतें ये सावधानीसागर कालरा सहारनपुर मंडी में अनाज की आढ़त का काम करते हैं। वह अपने दो दोस्तों अभिनव सैनी और लविश कुमार के साथ केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जाना चाहते थे।
लेकिन, आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर सारे टिकट बुक किए जा चुके थे। ऐसे में उन्होंने किसी दूसरी वेबसाइट या अन्य माध्यमों से संपर्क करने का प्रयास किया।सहारनपुर के एक आढ़ती और उनके साथी केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा के टिकट लेने के चक्कर में साइबर ठगी का शिकार हो गए। उन्होंने फेसबुक पर एक हेली सेवा के नाम से मोबाइल नंबर देखकर उस पर संपर्क किया था। इसके बाद उनसे करीब 30 हजार रुपये लेकर तीन टिकट व्हाट्सएप पर भेज दिए गए।टिकट लेकर तीनों हेलीपैड पर पहुंचे तो पता चला कि टिकट फर्जी हैं।
पीड़ितों ने सहारनपुर लौटने के बाद एसएसपी को शिकायत की है। सागर कालरा सहारनपुर मंडी में अनाज की आढ़त का काम करते हैं। वह अपने दो दोस्तों अभिनव सैनी और लविश कुमार के साथ केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए जाना चाहते थे। लेकिन, आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर सारे टिकट बुक किए जा चुके थे।आने वाले सप्ताह का पूरा स्लॉट बुक था। ऐसे में उन्होंने किसी दूसरी वेबसाइट या अन्य माध्यमों से संपर्क करने का प्रयास किया। उन्हें फेसबुक पर हिमालयन हेली सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक पेज मिला।
इस पर केदारनाथ यात्रा के लिए टिकट बुकिंग का नंबर लिखा हुआ था।
इस नंबर पर उन्होंने संपर्क कर पूछा कि आईआरसीटीसी के अलावा भी कोई और बुकिंग कर रहा है क्या? इसके जवाब में फोन सुनने वाले ने कहा कि वे बहुत पहले से हेली सेवा के लिए टिकट बुक कर रहे हैं। उनकी कंपनी बहुत पुरानी है और केदारनाथ में उनका हेलीपैड भी मौजूद है। कालरा और उनके साथी उसकी बातों में आ गए। उसने व्हाट्सएप पर डिटेल भेजने के लिए कहा। गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए तीन टिकटों का खर्च उसने करीब 30 हजार रुपये बताया। यह भी कहा कि आधे पैसे अभी और आधे टिकट कंफर्म होने के बाद देने होंगे। सागर कालरा और उनके साथियों ने यूपीआई के माध्यम से आधे पैसे भेज दिए।
इसके कुछ देर बाद आरोपी ने तीन टिकट कंफर्म बताते हुए उनके व्हाट्सएप पर भेज दिए। सागर कालरा के अनुसार तीनों दोस्त इन टिकट को लेकर दो मई को गुप्तकाशी हिमालयन हेलीपैड पर पहुंच गए। वहां सबसे पहले कर्मचारियों ने ही रोक लिया। कुछ देर बाद जीएम व अन्य अधिकारी आए और उन्होंने टिकट को फर्जी बताकर उन्हें लौटा दिया। कालरा ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत एसएसपी सहारनपुर को कर दी है।
पिछले साल के टिकट एडिट कर भेजे
इन टिकटों पर जीएमवीएन का नाम लिखा है। पिछले साल जीएमवीएन ही हेली सेवाओं के लिए टिकट बुकिंग कर रहा था। ऐसे में आरोपियों ने पिछले साल के टिकटों को एडिट कर कालरा और उनके साथियों को भेज दिया।
14 वेबसाइट हो चुकी हैं ब्लॉक
पिछले साल देश के विभिन्न हिस्सों के 20 से ज्यादा लोगों ने ठगी की शिकायत की थी। इसके चलते इस बार शुरुआत से ही सरकार ने एहतियातन एक ही एजेंसी आईआरसीटीसी को हेली टिकट बुकिंग का जिम्मा दिया है। इसके साथ ही फर्जी वेबसाइटों पर नजर रखी जा रही है। एसटीएफ ने 14 फर्जी वेबसाइट को ब्लॉक करा दिया है। इसके अलावा 12 अन्य वेबसाइटों को चिह्नित कर इन्हें भी ब्लॉक कराने की तैयारी की जा रही है।
टिकट बुकिंग से पहले बरतें ये सावधानी
-केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुकिंग करें।
-आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर किसी भी मोबाइल नंबर का जिक्र नहीं है।
-यदि स्लॉट फुल हैं तो दूसरी जगहों से बुकिंग का प्रयास न करें।
-फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया पर दिए गए नंबरों पर विश्वास न करें।इस बार जीएमवीएन हेली टिकट बुक नहीं कर रहा है। झांसे में न आएं।
इस तरह की ठगी हो जाती है तो सीधे 1930 पर कॉल करें।
-स्थानीय पुलिस स्टेशन और अधिकारियों को भी इसकी शिकायत करें।