

रुद्रपुर। मासूम का फिरौती के लिए अपहरण और हत्या के मामले में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की अदालत ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक सिंह ने बताया कि आदर्श इंदिरा बंगाली कॉलोनी निवासी सुनील पाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि 21 दिसंबर 2016 की शाम पांच बजे अचानक उनका पांच वर्षीय बेटा अंकित पाल लापता हो गया था। इसी शाम करीब साढ़े सात बजे अज्ञात व्यक्ति ने कॉल कर अंकित के अपहरण की जानकारी देते हुए 40 लाख रुपये की फिरौती मांगी। साथ ही फिरौती न दिए जाने पर बेटे की हत्या की धमकी दी। इस पर सूचना पुलिस को दी तो कोतवाली पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। तफ्तीश के दौरान 22 दिसंबर को पुलिस ने कृष्णा श्रीवास्तव, भरपूर सिंह और सोनू कुमार निवासी हल्दुआ कैमरी को गिरफ्तार किया था और हत्यारोपियों की निशानदेही पर भाखड़ा नहर से अंकित का शव बरामद किया था। पूछताछ में आरोपियों ने अंकित का गला दबाकर हत्या कर शव नहर में फेंकने की बात कबूली थी। यह वाद द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देऊपा की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी दीपक सिंह ने अदालत में 20 गवाह पेश किए। साक्ष्यों का अवलोकन करने और गवाहों के बयान के बाद अदालत ने तीनों आरोपियों कृष्णा श्रीवास्तव,भरपूर सिंह व सोनू कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई