उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव 2024 पास हैं। सभी राजनीतिक दल ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक जनता का दिल जितने की कोशिश में लगे हुए हैं। चुनाव की रंगत भले ही शहरों में ज्यादा दिख रही हो लेकिन क्या आप जानते हैं चुनावी जीत की चाबी अब भी ग्रामीण मतदाताओं के हाथ में है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयार की सूची
लोकसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तैयार की गई मतदाता सूची के अनुसार उत्तराखंड में कुल मतदाता संख्या 84.14 लाख तक पहुंच चुकी है। दूसरी तरफ इसी सप्ताह राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से भी प्रथम चरण में मतदान के लिए तैयार 93 निकायों की वोटर लिस्ट तैयार कर ली गई है, जिसमें कुल मतदाता संख्या 27.30 लाख तक पहुंच रही है। राज्य में कुल निकायों की संख्या 105 है।
शहरों की मतदाता संख्या 30 लाख पहुंचने की उम्मीद
इस तरह सभी निकायों को जोड़ लिया जाए तो भी शहरों की कुल मतदाता संख्या 30 लाख तक ही पहुंचने की उम्मीद है। इन दोनों मतदाता सूची की तुलना से साफ है कि राज्य के शहरों की कुल मतदाता संख्या गांवों की तुलना में 35 प्रतिशत तक ही बैठ रही है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता संख्या 65 तक है।
ग्रामीण मतदाताओं के हाथ है जीत की चाबी
दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान को लेकर शहरों के मुकाबले अधिक उत्साह देखा जाता है। निर्वाचन आयोग की ओर से तैयार की सूची से साफ है कि राज्य की राजनीति में अभी भी ग्रामीण मतदाताओं के हाथ ही चुनाव के जीत की चाबी है। हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जिले ग्रामीण राजनीति के लिहाज से खासे अहम हैं।
घर-घर जाकर ही मिलेगा जनता का आशीर्वाद
दूसरी तरफ पहाड़ में निकायों की संख्या तो अधिक है, लेकिन यहां निकायों में औसत मतदाता संख्या पांच से छह हजार तक ही है। गांव छितरे होने के बावजूद संख्याबल में भारी पड़ जाते हैं। प्रत्याशी अगर गांव-गांव जाकर जनता के दिल को छू आया तो साफ है जीत का टाक उसी उम्मीदवार के सिर होगा।