धामी कैबिनेट ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में मलिन बस्तियों के लिए एक बार फिर अध्यादेश लाने को मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड सरकार मलिन बस्तियों के लिए तीन सालों के लिए अध्यादेश लाएगी. कैबिनेट के इस फैसले के बाद प्रदेश में सियासत गरमाने लगी है. वहीं मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति भी इसके विरोध में उतर आए है.
मलिन बस्ती के अध्यादेश की मंजूरी पर भड़की मूल निवास समिति
मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड में अवैध बस्तियों के नियमतिकरण का अध्यादेश लाकर सरकार इन बस्तियों में दूसरे राज्यों से आकर अवैध रूप से जमीन कब्जाकर उत्तराखंड में बसे लोगों के जमीन का मालिकाना हक़ देने की साजिश चल रही है. डिमरी ने कहा हम उत्तराखंड सरकार के इस अध्यादेश का कड़ा विरोध करते हैं.
समिति ने दी आंदोलन की चेतावनी
समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा प्रदेश में वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए. इसके चलते उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदल रही है. डिमरी ने कहा धामी सरकार अगर अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा