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हैदराबाद लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। भाजपा के बाद कांग्रेस भी अब मौजूदा सांसद असदुद्दीन ओवैसी को टक्कर देने के लिए पहली बार महिला उम्मीदवार की तलाश में है। ओवैसी इस सीट पर 2004 से सांसद बनते आ रहे हैं। लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि इस बार हैदराबाद सीट पर ओवैसी के खिलाफ माहौल है और यहां जीत दर्ज की जा सकती है।
कांग्रेस के सूत्रों से मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी हैदराबाद में सुप्रीम कोर्ट की वकील और तेलंगाना वक्फ बोर्ड के सीईओ सैयद खाजा मोइनुद्दीन की पत्नी शाहनाज तबस्सुम को मैदान में उतारने वाली है। जबकि बीजेपी ने माधवी लता को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं केसीआर की पार्टी ने भी असदुद्दीन के सामने अपना उम्मीदवार उतार दिया है। बीआरएस ने इस बार गद्दाम श्रीनिवास यादव को प्रत्याशी बनाया है।
ओवैसी को हराना आसान नहीं
हालांकि ओवैसी को हैदराबाद सीट से हराना आसान नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होनें 2019 में भाजपा के उम्मीदवार भगवंत राव पवार को 2.82 लाख वोटों के भारी अंतर से हराया था। इस बार कांग्रेस उनके सामने मुस्लिम उम्मीदवार लाकर इस सीट को जीतने की उम्मीद बांध रही है। तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि शाहनाज तबस्सुम असदुद्दीन ओवैसी के सामने एक अच्छी उम्मीदवार होंगी और वह उनका मुकाबला कर सकती हैं।
जबकि बीजेपी को उम्मीद है कि माधवी लता इस बार पार्टी को अच्छा परिणाम दे सकती हैं। वह लोकल हैं और बीजेपी इसे एक बड़ी बात मानती है। ऐसा माना जाता है कि माधवी लता की मुसलमानों के बीच भी एक अच्छी पकड़ है।
1984 से 2004 तक किसका प्रतिनिधित्व?
बता दें कि हैदराबाद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व 1984 से 2004 तक एआईएमआईएम संस्थापक और असदुद्दीन के पिता सलाउद्दीन ओवैसी ने किया था। अब असदुद्दीन ओवैसी ने इस सीट पर अपनी जीत का बड़ा अंतर बरकरार रखा है। हैदराबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाली 8 विधानसभा सीटों में से 7 पर एआईएमआईएम का कब्जा है।