लालकुआं। नगर के मुख्य बाजार में स्थित वन विभाग की कार्यशाला परिसर में खड़े 30 साल पुराने चंदन के पेड़ को तस्करों ने काट दिया। परंतु वन कर्मियों के जाग जाने के चलते तस्कर बिना लकड़ी लिए फरार हो गये, वही गौलापार क्षेत्र में चंदन के पेड़ काटते हुए तीन तस्करों को ग्रामीणों ने दबोच कर पुलिस के सुपुर्द किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती अर्धरात्रि के बाद यहां मुख्य बाजार स्थित तराई केंद्रीय वन प्रभाग की कार्यशाला परिसर में खड़े 30 साल पुराने चंदन के वृक्ष पर आरी चलाकर अज्ञात लकड़ी तस्करों ने उसे धराशाई कर दिया, चंदन का विशालकाय वृक्ष जिस पेड़ पर गिरा वह पेड़ भी बीच से टूट कर पूरी तरह धराशाई हो गया। पेड़ काटने से पूर्व चंदन तस्करों ने आसपास रहने वाले आधा दर्जन वन कर्मियों के घरों के बाहर से कुंडी लगा दी थी, ताकि जागने पर भी कोई बाहर नहीं निकल सके।
इसी दौरान मुख्य मार्ग में बज रहे पुलिस के सायरन और वन कर्मियों के परिजनों की आवाज सुनकर चंदन तस्कर बिना काटी गई लकड़ी लिए चंपत हो गए। इधर प्रातः जैसे ही बीट अधिकारी वनरक्षक कमल मौर्य ने कटा हुआ चंदन का वृक्ष देखा तो इसकी सूचना वन विभाग के उच्चाधिकारियों को दी। जिसके बाद मौके पर तराई केंद्रीय वन प्रभाग की एसडीओ शशि देव एवं वन क्षेत्राधिकारी टांडा प्रदीप असगोला ने घटनास्थल का मुआयना करते हुए उक्त मामले की जांच के लिए अधीनस्थों को निर्देश दिए।
इधर पत्रकारों से वार्ता करते हुए तराई केंद्रीय वन प्रभाग की एसडीओ शशि देव ने बताया कि वह क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही हैं, तथा जानकारी में आया है कि कुछ तस्कर गौलापार क्षेत्र में चंदन का पेड़ काटते हुए पकड़े गए हैं संभवत यह हरकत उन्हें तस्करों की है। फुटेज के आधार पर संबंधित तस्करों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा।
इसके बाद उक्त चंदन तस्कर गौलापार के बसंतपुर गांव में पहुंचे जहां चंदन के पेड़ काटते हुए ग्रामीणों ने तीन चंदन तस्करों को रंगे हाथों दबोच लिया। उनके पास से चंदन की लकड़ी के गिल्टे और पेड़ काटने के उपकरण भी बरामद कर लिए। ग्रामीणों ने तीनों चंदन तस्करों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार घटना आज तड़के साढ़े तीन बजे की हैं। बसंतपुर निवासी गिरीश चंद्र सुयाल के खेत में कुछ चंदन के पेड़ खड़े हैं। आज सुबह लगभग साढ़े तीन बजे गिरीश की नींद पेड़ के गिरने की आवाज के साथ खुली। गिरीश के अनुसार उन्होंने खिड़की से झांक कर देखा तो बल्ब की रोशनी में उन्हें एक पेड़ कटा हुआ दिखाई दिया। जिसे तीन लोग काट रहे थे। इस पर गिरीश ने चोर-चोर का शोर मचा दिया।आवाज सुनकर ग्रामीण इकट्ठे हो गए। जिन्हें देखकर पेड़ के टुकड़े कर रहे तीन लोग भागने लगे। ग्रामीणों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया। चोरों ने ग्रामीणों के चंगुल से बचने के लिए उन पर हमला भी किया लेकिन एकजुट ग्रामीणों उनका डटकर मुकाबला किया और आखिर में चोरों ने हथियार डाल दिए। ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ लिया। उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने स्वयं को मध्य प्रदेश का रहने वाला बताया। उनके पास से पेड़ काटने के उपकरण भी बरामद हुए। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम नरजेश, भोला व विवयेंदर बताया। उन्होंने बताया कि उन्होंने गिरीश के दो पेड़ काट दिये थे। मौके पर एक पेड़ पड़ा हुआ मिला जबकि एक पेड़ को काटकर उसके दो गिल्टे भी मौके से ग्रामीणों ने बरामद किए।