

उत्तराखंड सरकार अवैध मदरसों पर कड़ी कार्रवाई के बाद अब उनकी फंडिंग की गहन जांच करने जा रही है। इसके तहत संबंधित अधिकारियों द्वारा एक रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी। पिछले एक महीने से प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
देहरादून जिले के सहसपुर क्षेत्र में एक बड़े मदरसे को सील कर दिया गया। यह कार्रवाई अवैध निर्माण के चलते की गई थी, क्योंकि मदरसे ने बिना अनुमति के एक मंजिल का निर्माण कर लिया था। यह सवाल उठता है कि इन अवैध मदरसों के संचालन और कर्मियों के वेतन के लिए पैसा कहां से आ रहा है। जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि इन मदरसों को चलाने के लिए कहीं बाहरी देशों से फंडिंग तो नहीं मिल रही है।
राज्य में लगभग 450 पंजीकृत मदरसे हैं, जो शासन को अपनी वित्तीय जानकारी, बैंक खाता और आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत करते हैं। हालांकि, 500 से अधिक मदरसे बिना किसी मान्यता के चल रहे हैं। इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के सत्यापन और वित्तीय स्रोतों की जांच के लिए सरकार ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन मदरसों को कौन से स्रोत से धन मिल रहा है और वह धन किस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।