


हल्द्वानी
- उपजिलाधिकारी ने आश्वासन पूरा नहीं किया तो 15 दिन बाद आंदोलन गांव में नहीं प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय पर “डेरा डालो, घेरा डालो” के रूप में किया जायेगा
मालिकाना अधिकार लेने, बागजाला को राजस्व गाँव बनाने, पंचायत चुनावों में मताधिकार पुनः बहाल करने, निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाने, जल जीवन मिशन योजना से टूटी सड़कों का निर्माण करने, जल जीवन मिशन कार्य को पूरा कर हर घर नल, हर घर जल देने का कार्य शुरू करने, गोवंश संरक्षण अधिनियम के चलते आवारा सरकारी गोवंश से पशुपालकों, किसानों, राहगीरों को हो रहे जानमाल के नुकसान से निजात दिलाने के लिए गोवंश की स्थिति अनुसार सरकारी मूल्य निर्धारण कर सरकारी खरीद की गारंटी करने के लिए बागजाला में अनिश्चितकालीन 100 वें दिन आगामी आंदोलन की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। कल उपजिलाधिकारी हल्द्वानी के नेतृत्व में प्रशासन, वन विभाग, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया था कि रुकी हुई सड़क का निर्माण एक सप्ताह में किया जाएगा, निर्माण कार्य और विकास कार्यो पर लगी रोक को लेकर प्रस्ताव तैयार किया जायेगा, पेयजल योजना का विधिवत प्रस्ताव जल संस्थान भेजेगा तो वन विभाग स्वीकृति प्रदान करेगा और मालिकाना अधिकार का प्रस्ताव प्रशासन शासन को भेजेगा। प्रशासन द्वारा एक हफ्ते का समय मांगा गया था, धरना स्थल पर एक के स्थान पर दो हफ्ते तक इंतजार करने का फैसला लिया गया। लेकिन दो हफ्ते में आश्वासन के अनुरूप काम नहीं किया गया तो 15 दिन बाद पुनः आंदोलन शुरू किया जायेगा और अबकी बार आंदोलन बागजाला गांव में नहीं प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तर पर “डेरा डालो, घेरा डालो” के रूप में किया जायेगा।
बागजाला के धरना स्थल पर 100 वें दिन अपनी बात रखते हुए भाकपा (माले) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि, किसान महासभा के नेतृत्व में बागजाला वासियों ने एक ऐतिहासिक आंदोलन किया है जिसके बल पर प्रशासन को झुकना पड़ा है। इस राज्य में बागजाला से लेकर प्रहलाद पलसिया शक्ति फार्म के लोगों, उपनल कर्मियों, स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर चौखुटिया, घनसाली में, आवारा गोवंश की समस्या के समाधान के लिए स्यालदे में आंदोलन चल रहा है लेकिन भाजपा सरकार के पास उनको देने के लिए बुलडोजर के अलावा कुछ नहीं है। आंदोलन के बूते बने राज्य में यह सरकार का दायित्व है कि वह जनता की समस्याओं का समाधान करे परंतु भाजपा सरकार इसके उलट जनता के दमन पर आमादा है।
अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि, बागजाला की जनता का धन्यवाद कि जिन्होंने गर्मी, सर्दी, बरसात की परवाह न करते हुए इस आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए। यह आंदोलन बागजाला समेत सभी वन भूमि, नजूल भूमि को मालिकाना अधिकार लेने तक जारी रहेगा और इसके लिए किसान महासभा सभी वन भूमि पर बसे गांवों और खत्ता वासियों से संपर्क कर एक वृहत्त आंदोलन की शुरूआत करेगी। राज्य सरकार को सभी वन भूमि पर बसी हुई आबादी को मालिकाना हक देने को बाध्य किया जायेगा।
100 वें दिन के धरना प्रदर्शन को मुख्य रूप से आनन्द सिंह नेगी, इंद्रेश मैखुरी, डॉ कैलाश पाण्डेय, तुला सिंह तड़ीयाल, बी आर धौनी, मदन कठायत, डॉ उर्मिला रैसवाल, प्रेम सिंह नयाल, सुलेमान मलिक, हेमा देवी, विमला देवी आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर ललित मटियाली, विष्णु पद साना, अनीता अन्ना, परवेज, दुर्गा देवी, तुलसी देवी, हेमा आर्या, भोला सिंह, उत्तम दास, हेमा देवी, मीना भट्ट, सुमित, नीलम आर्या, पुष्पा देवी, रेशमा, सुनीता देवी, चंदन सिंह मटियाली, हीरा देवी, मुन्नी देवी, विमला देवी, दौलत सिंह, हरि गिरी गोस्वामी, लक्ष्मण राम, दिनेश चंद्र, मारूफ, हामिद, दीपा देवी, हेमा देवी, हरक सिंह बिष्ट, अंबा दत्त आदि मौजूद रहे।
किसान महासभा बागजाला की अध्यक्ष डॉ उर्मिला रैसवाल द्वारा जारी


