हल्द्वानी। रक्षाबंधन के दिन भी आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल और धरना जारी रहा। उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की ओर से कहा गया कि, “कितना भी बड़ा त्यौहार आये या मौसम की मार पड़े जब तक मासिक वेतन का सवाल हल नहीं होता तब तक हड़ताल और धरना जारी रहेगा।” कहा गया कि, “आशाओं की हड़ताल के प्रति सरकार की निष्ठुरता ने भाजपा सरकार की महिला कामगारों के प्रति सोच को उजागर कर दिया है। आशा जैसी महिला वर्करों के प्रति ‘जमकर लेंगे पूरा काम, लेकिन नहीं मिलेगा काम का दाम’ के फार्मूले पर सरकार चल रही है। आशा हड़ताल ने महिलाओं का सेवा के नाम पर शोषण करने की इसी महिला विरोधी सोच को चुनौती दी है। आशाओं की यह लड़ाई हक और सम्मान के साथ ही महिला श्रम की खुली लूट के खिलाफ है।”
हड़ताल के इक्कीसवें दिन के धरने पर बैठने वालों में प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल, सायमा सिद्दीकी, रिंकी जोशी, शहनाज, राजेश्वरी जोशी, यास्मीन, शहाना, फरजाना, हुमेरा, आनंदी देवी आदि शामिल रहीं।
रक्षाबंधन के दिन भी जारी रहा आशा वर्कर्स का धरना, प्रदर्शन किया।
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