शहर में मांगलिक कार्यों हेतु सार्वजनिक स्थलों पर फूलों की सहज उपलब्धता के अभाव को देखते हुए शारदीय नवरात्र की पूर्व संध्या पर पुष्पम समर्पयामि मुहिम का शुभारंभ तीन मूर्ति स्थित देवी मंदिर से किया गया। एमबीपीजी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके प्राध्यापक डॉ सन्तोष मिश्र ने पुष्पम समर्पयामि पहल के बारे में बताया कि गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर फूलों के पेड़-पौधे स्वाभाविक रूप से मिल जाते हैं जिससे मांगलिक कार्यों, संस्कारों, पूजा, अनुष्ठान आदि के लिए पुष्प प्रचुर मात्रा में प्राप्त हो जाते हैं। शहरीकरण के कारण घरों में व्यक्तिगत वाटिका, फुलवारी, गार्डन तो हैं परंतु सार्वजनिक स्थलों जैसे मंदिर, पार्क, जनमिलन केंद्र आदि में फूलों के पौधे न के बराबर हैं।
डॉ मिश्र ने पहल की शुरुआत करते हुए प्रकृति प्रेमी लोगों से आग्रह किया कि सार्वजनिक जगहों पर फूलों के पौधे अवश्य लगाएं ताकि आम जनमानस मांगलिक कार्यों हेतु बेरोकटोक फूल चुन सकें।
इस अवसर पर तीन मूर्ति स्थित देवी मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य योगेशचंद्र जोशी ने पुष्पम समर्पयामि मुहिम को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने व्यक्तिगत की जगह सार्वजनिक, सर्वमंगलकारी कार्यों को अधिक महत्व दिया। हरिपुरनायक स्थित शिव मंदिर के पुजारी आचार्य भुवनचंद्र जोशी ने इस पहल का स्वागत करते हुए लोगों से सहयोग का निवेदन किया। इस मौके पर आचार्य प्रमोद जोशी, ललित सुयाल, जलज पांडे, गीता जोशी आदि मौजूद रहे।