दून अस्पताल एक बार फिर से चर्चाओं में है। दून अस्पताल को प्रदेश का सबसे हाईटेक सरकारी अस्पताल माना जाता है। लेकिन बीते दिन जैसे ही पूर्व सीएम हरीश रावत अपना स्वास्थ्य चेकअप कराने अस्पताल पहुंचे। इस दौरान बिजली गुल हो गई। दून अस्पताल पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्वास्थ्य की जांच मोबाइल फोन की रोशनी में डॉक्टरों को करनी पड़ी। अस्पताल की बिजली गुल होने से मरीजों के साथ ही डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी परेशान हुए। हालाकिं कुछ ही देर में बिजली की व्यवस्था सुचारू की गई।
दून अस्पताल में अक्सर बिजली गुल होने पर जनरेटर के समय पर स्टार्ट नहीं होने की शिकायत रहती है। बीते दिन पूर्व सीएम हरीश रावत को भी स्वास्थ्य चेकअप के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ा। अस्पताल में बिजली गुल होते ही डॉक्टर मोबाइल फोन की रोशनी में हरीश रावत का चेकअप करते दिखाई दिए। वहीं हरीश रावत के स्वास्थ्य की जांच के बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो पाई। उनके स्वास्थ्य की जांच के बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो पाई। इसे लेकर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत ने मातहतों को व्यवस्था सुधारने के लिए निर्देशित भी किया।
बताया जा रहा है कि जनरेटर शुरू नहीं होने से अक्सर ऐसी स्थिति बनी रहती है। दून चिकित्सालय जबकि प्रदेश का सबसे हाईटेक सरकारी अस्पताल माना जाता है। वहीं जब राजधानी देहरादून के हॉस्पिटलों में आम और खास को इन परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है तो प्रदेश के अन्य जनपदों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि छोटी सी बात पर डॉक्टर से विवाद और उसके बाद तबादले के आदेश से वह आश्चर्यचकित हैं। डॉक्टर का पेशा बेहद संवेदनशील होता है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। डॉक्टर से विवाद और फिर छोटी सी बात पर तबादला करना ठीक नहीं है। इससे जनता में अच्छा संदेश नहीं गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शुक्रवार दोपहर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए राजकीय दून मेडिकल अस्पताल पहुंचे थे। चेकअप और जरूरी जांचे कराने के बाद हरीश रावत पत्रकारों से मुखाबित हुए। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की पत्नी और दून अस्पताल की वरिष्ठ महिला डॉक्टर निधि उनियाल के बीच हुए विवाद और फिर डॉक्टर का तबादला अल्मोड़ा किए जाने पर हरीश रावत ने हैरानी जताई।