नैनीताल हाईकोर्ट ने चमोली जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त करते हुए उन्हें बहाल करने के आदेश दिए हैं।
न्यायालय ने सरकार से पंचायती राज नियमावली का उचित अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के वेकेशन जज न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की ओर से बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती देते हुए सरकार के 25 जनवरी के आदेश पर रोक लगाने और उन्हें पद पर बहाल करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने पैरवी की।
अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकार ने रजनी भंडारी को हटाने से पूर्व पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया। जांच में भी पंचायती राज नियमावली का भी उल्लंघन किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वह निर्वाचित पदाधिकारी हैं और उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते हटाया गया है।
ये है मामला
पूर्व ब्लॉक प्रमुख नंदन सिंह बिष्ट की शिकायत पर हुई जांच की सिफारिश के बाद पंचायती राज विभाग की ओर से 25 जनवरी को एक आदेश जारी करके रजनी भंडारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उन पर वर्ष 2012-13 में नंदा राज जात यात्रा मार्ग पर विकास कार्यों संबंधी निविदाओं में गड़बड़ी का आरोप है।
आरोप है कि उन्होंने इस दौरान अपने दायित्व का उचित निर्वहन नहीं किया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एक व्यक्ति की शिकायत पर सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया गया, जबकि इस मामले में अभी तक कोई प्रारंभिक जांच तक नहीं हुई। सरकार ने इस मामले में कोई जांच तक नहीं कराई है।