पंतद्वीप पार्किंग के नाम पर हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में सीबीआई की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार को सिंचाई विभाग कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा रहा। कोरोनाकाल के दौरान पार्किंग के आवंटन और निर्धारित समय के बावजूद अतिरिक्त समय ठेकेदार को देकर लाभ पहुंचाने के आरोप में तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, अधिशासी समेत दो ठेकेदार समेत कई लोगों के खिलाफ सीबीआई की जांच शुरू हो चुकी है।
हरिद्वार में पंतद्वीप पार्किंग का ठेका रिद्धिम एसोसिएट्स को दिया गया है। कोरोना महामारी के दौरान पार्किंग के ठेकेदार को एक्सटेंशन दिया गया था। इसमें दो बार में दिए गए एक्सटेंशन को लेकर रुड़की निवासी वादकारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
पूर्व अधिकारियों का पटल देख रहे लोगों में भी बेचैनी
एक्टेंशन का अनुमोदन तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने उच्च स्तर से प्राप्त किया था। हालांकि, इसके बाद अन्य अधिकारियों ने नए टेंडर कराने की जगह उसी ठेकेदार को अतिरिक्त समय दे दिया था। इस दौरान पार्किंग से हुए व्यवसाय के रुपये सरकारी खाते में भी नहीं जमा किए गए। कुछ समय बाद पार्किंग का क्षेत्रफल भी बढ़ा दिया गया। वादकारी ने यह भी आरोप लगाया है कि पार्किंग का शुल्क बढ़ाकर ठेेकेदार को लाभ पहुंचाया गया। इसमें कई अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने लाभ लिया।
कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अब जब कार्रवाई शुरू की तो सिंचाई विभाग में वर्तमान में पूर्व अधिकारियों का पटल देख रहे लोगों में भी बेचैनी बनी हुई है। उम्मीद है कि सीबीआई कभी भी यहां पहुंचकर अभिलेख व अन्य आवश्यक जांच शुरू कर सकती है।
मुकदमे में हैं इनके नाम
अधीक्षण अभियंता आरके तिवारी, अधिशासी अभियंता एसएल कुडियाल, अधीक्षक अभियंता अतर सिंह बिष्ट, उप राजस्व अधिकारी एनएस कुंडरा, ठेकेदार अजय कुमार, अरुण कुमार व दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया है। कयास यह भी लगाया जा रहा है एफआईआर में जिन अन्य दो आरोपितों को अज्ञात में दिखाया गया है, उनके नामों का जल्द खुलासा हो सकता है।