अभी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की इतनी बड़ी हार होने के बावजूद भी दिग्गज नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप थमने के नाम नहीं ले रहे हैं,जिस प्रकार उत्तराखंड में कांग्रेस के दिग्गज नेता आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं इसको देख कर ऐसा लगता है जैसे इन्हें जिम्मेदारी ले ली हो कि उत्तराखंड से कांग्रेस का सफाया करना है.
उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी का सफाया करने में सबसे बड़ा हाथ तो दिल्ली से आए हुए प्रभारी देवेंद्र यादव एवं उनकी टीम का था
जो 5 साल से अपनी अपनी विधानसभा में काम कर रहे कार्यकर्ता थे उन को दरकिनार कर कर पैराशूट प्रत्याशियों को खड़ा करके कांग्रेस पार्टी को हर वाया गया
अब यह समय आरोप-प्रत्यारोप का नहीं रह गया कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए युवा चेहरों को आगे लाना चाहिए.
यदि अब भी ऐसे ही गुटबाजी चलती रही तो आने वाले समय में उत्तराखंड से कांग्रेस का नामो निशान मिट जाएगा.