कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में मिली हाथी सफारी की अनुमति: दिसंबर से ढिकाला–बिजरानी जोन में फिर गूंजेगा हाथी सफारी का रोमांच

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एंकर : कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व से इस सर्द मौसम में पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है,वर्षों से बंद पड़ी हाथी सफारी को आखिरकार फिर से अनुमति मिल गई है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन, देहरादून की ओर से आदेश जारी होने के साथ ही हाथी सफारी का लंबे समय से इंतजार कर रहे देश-विदेश के पर्यटकों की खुशी का ठिकाना नहीं है,कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व, दुनिया भर में अपनी जैव विविधता, रॉयल बंगाल टाइगर और रोमांचक जंगल सफारी के लिए प्रसिद्ध है,ऐसे में हाथी सफारी की बहाली इस पार्क की पर्यटन गतिविधियों में एक बड़ा बदलाव साबित होगी, स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की जून 2024 में हुई बैठक में इसके लिए हरी झंडी दी गई थी, जिसके बाद विभागीय औपचारिकताओं के पूरा होने पर अब इसे लागू किया गया है
जारी आदेश के मुताबिक हाथी सफारी ढिकाला और बिजरानी—दोनों प्रमुख जोन में शुरू की जाएगी, दोनों जगह सुबह और शाम की शिफ्ट में हाथी सफारी होगी ढिकाला में 2 हाथियों से सफारी कराई जाएगी और पर्यटकों के लिए दो रूट निर्धारित किए गए हैं, इन रूटों पर सफारी के दौरान पर्यटक रामगंगा नदी, घने जंगल, विशाल ग्रासलैंड और कई वन्यजीवों का बेहद नजदीकी अनुभव ले सकेंगे,कॉर्बेट का यह जोन हमेशा से ही सबसे आकर्षक रहा है,ऐसे में हाथी सफारी यहां पर्यटन अनुभव को और रोमांचक बनाएगी,बिजरानी जोन में 1 हाथी के माध्यम से 2 रूट तय किए गए हैं,यहां भी दो घंटे की सफारी कराई जाएगी, जिसमें पर्यटक जंगल की खूबसूरती, वन्यजीवों की गतिविधियां और प्राकृतिक आवास का करीब से साक्षात्कार कर सकेंगे कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि हाथी सफारी के टिकट पार्क के रिसेप्शन सेंटर से उपलब्ध होंगे, टिकट वितरण पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा भारतीय पर्यटकों के लिए: ₹1000 प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹3000 प्रति व्यक्ति.एक हाथी में अधिकतम बच्चों के साथ 5 लोग बच्चों बैठ सकते हैं,यानी कुल 2 वयस्क + 2 बच्चे या बच्चों की संख्या के अनुसार कुल 5 लोग यात्रा कर सकेंगे तथा 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का टिकट शुल्क नहीं लगेगा सफारी की अवधि 2 घंटे निर्धारित की गई है,डॉ. बडोला का कहना है कि हाथी सफारी को दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू कर दिया जाएगा,क्रिसमस और न्यू ईयर सीजन में पार्क आने वाले हजारों पर्यटक इसका आनंद उठा सकेंगे हाथी सफारी को बंद हुए लगभग 6 साल हो चुके थे,वर्ष 2018 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत पार्क में हाथियों के व्यावसायिक उपयोग पर रोक लगा दी थी। उसी आदेश के बाद हाथी सफारी पूरी तरह बंद कर दी गई थी,तब से स्थानीय पर्यटन कारोबारियों, गाइडों, महावतों और वन्यजीव प्रेमियों की ओर से लगातार मांग उठाई जा रही थी कि हाथी सफारी को संवेदनशील और सुरक्षित तरीके से फिर शुरू किया जाए। उनका कहना था कि
हाथी सफारी वन्यजीव संरक्षण के लिए जागरूकता का महत्वपूर्ण माध्यम है।

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