आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय मे कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा और कुलपति के बीच चल रही खींचातानी में विश्वविद्यालय के कार्मिक पिस रहे हैं। जी हां विश्वविद्यालय के कार्मिकों को अभी तक माह दिसंबर 2021 का वेतन नहीं मिला है, जिससे कार्मिकों के सामने परिवार के भरण पोषण का संकट पैदा हो गया है।
शासन ने कुलसचिव के पद पर मृत्युंजय मिश्रा की तैनाती की है, लेकिन कुलपति सुनील जोशी ने उनके पद पर योगदान को स्वीकार नहीं किया है। मृत्युंजय मिश्रा कैंप कार्यालय चला रहे हैं। तकनीकी रूप से मृत्युंजय मिश्रा ही वेतन बिलों पर वर्तमान में अधिकृत हैं। लेकिन कुलपति सुनील जोशी ने मिश्रा को काम करने से रोक तो दिया लेकिन शासन से वेतन आहरण हेतु व्यवस्था नहीं कराई गई। जिससे कार्मिकों के सामने परिवार के भरण पोषण का संकट पैदा हो गया है।
अधिकांश कार्मिकों की चुनाव में अन्यत्र ड्यूटी लगी है। वेतन नहीं मिलने से उनके लिए चुनाव ड्यूटी के साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन वेतन के अभाव में मुश्किल हो गया है। मृत्युंजय मिश्रा और कुलपति के बीच चल रही जंग और शासन की अनदेखी से यही लग रहा है कि चुनाव सम्पन्न होने और नयी सरकार बनने तक आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कार्मिकों को वेतन के लिए तरसना पड़ेगा।