ISRO से पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, 23 अगस्त का दिन अब से ‘नेशनल स्पेस डे’ के रूप में मनाया जाएगा

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पीएम मोदी ने कहा, आपने जो साधना की है, वो देशवासियों को पता होना चाहिए. ये यात्रा आसान नहीं थी. मून लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल तक बना डाला. इस पर विक्रम लैंडर को उतारकर टेस्ट किया गया था. इतने सारे एग्जाम देकर मून लैंडर वहां तक गया है तो उसे सफलता मिलना ही तय था. आज जब देखता हूं कि भारत की युवा पीढ़ी साइंस, स्पेस और इनोवेशन को लेकर इतनी एनर्जी से भरी है, उसके पीछे ऐसी सफलताएं हैं. मंगलयान और चंद्रयान की सफलता और गगनयान की तैयारी ने देश को नया मिजाज दे दिया है. आज भारत के छोटे-छोटे बच्चों की जुंबा पर चंद्रयान का नाम है. आज भारत का बच्चा अपने वैज्ञानिकों में भविष्य देख रहा है. आपकी यह भी उपलब्धि है कि आपने भारत की पूरी की पूरी पीढ़ी का जाग्रत किया है और ऊर्जा दी है. अपनी सफलता की गहरी छाप छोड़ी है. आज से कोई भी बच्चा रात में चंद्रमा को देखेगा तो उसको विश्वास होगा कि जिस हौसले से मेरा देश चांद पर पहुंचा है, वही हौसला और जज्बा उस बच्चे में भी है. आपने बच्चों में आकांक्षाओं के बीज बोए हैं. वो बटवृक्ष बनेंगे और विकसित भारत की नींव बनेंगे. युवा पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा मिले, इसके लिए एक निर्णय लिया है. 23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को हिंदुस्तान नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाएगा. यह दिन हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा. Also Read – जहरीला इश्क: सांप से डसवाकर की थी हत्या, अब आ रही वेब सीरीज अगर दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो सफलता मिलकर रहेगी. आज भारत दुनिया का ऐसा चौथा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा की सतह को छुआ है. ये सफलता तब और बड़ी हो जाती है, जब हम देखते हैं कि भारत ने अपनी यात्रा कहां से शुरू की थी. एक समय भारत के पास जरूरी तकनीकी नहीं थी. हमारी गिनती थर्ड वर्ल्ड यानी थर्ड रॉ में खड़े लोगों में होती थी. वहां से निकलकर आज भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना है. आज भारत की गिनती पहली पंक्ति में हो रही है. इस यात्रा में इसरो जैसी संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही है. आपने आज मेक इन इंडिया को चांद तक पहुंचा दिया.

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एक और नामकरण काफी समय लंबित है. चार साल पहले जब चंद्रयान-2 चंद्रमा के पास पहुंचा था. जहां उसके पद चिह्न पड़े थे. तब ये तय था कि उसका नाम दिया जाए. लेकिन उन परिस्थितियों को देखते हुए हमने तय किया था कि जब चंद्रयान-3 सफलता पूर्वक पहुंचेगा तब हम दोनों चंद्रयान मिशन को नाम देंगे. आज जब हर घर में तिरंगा है. इसलिए चंद्रयान-2 ने जिस स्थान पर पदचिह्न छोड़े हैं, वो स्थान अब तिरंगा पॉइंट कहलाएगा. जहां चंद्रयान-3 का मून लैंडर पहुंचा है, वो स्थान आज से शिवशक्ति कहलाएगा. माजरा पीएम ने कहा, ये चांद के रहस्यों को खोलेगा. साथ ही धरती की चुनौतियों के समाधान में भी मदद करेगा. मैं इस सफलता के लिए मिशन की पूरी टीम को बधाई देता हूं. मेरे परिवार जनों आप जानते हैं कि स्पेश मिशन के टच डाउन को नाम दिए जाने की परंपरा है. चंद्रमा के जिस हिस्से पर चांद उतरा है, भारत ने उसका नामकरण का फैसला लिया है. जहां लैंडर उतरा है, उस पॉइंट को शिवशक्ति के नाम से जाना जाएगा.

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