रेलवे भूमि अतिक्रमण पर बोले सीएम, यह न्यायालय और रेलवे के बीच की बात है, राज्य सरकार इसमें कोई पार्टी नहीं

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हाईकोर्ट के रेलवे की भूमि में हुए अतिक्रमण हटाए जाने के निर्देश के बाद जहां एक और यह मामला अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंच चुका है तो वहीं दूसरी ओर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बनभूलपुरा के लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। 5 जनवरी यानी गुरुवार (आज) सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होनी है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान आया है।

उन्होंने कहा है कि सभी को न्यायालय पर विश्वास रखना चाहिए। न्यायालय का जो भी फैसला आएगा सरकार उसी हिसाब से काम करेगी। यह न्यायालय और रेलवे के बीच की बात है, राज्य सरकार इसमें कोई पार्टी नहीं है। उच्चतम न्यायालय का जो भी निर्णय आएगा, राज्य सरकार उस पर काम करेगी। तो वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा रेलवे भूमि विवाद के लिए कांग्रेस को पूरी तरह से जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जबाबदेही से बचने के लिए आरोप प्रत्यारोप तथा मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहती है। जबकि इसमें राज्य सरकार पक्ष नही है और न ही भाजपा की कोई भूमिका है। उन्होंने कहा कि इसमे कांग्रेस इसलिए दोषी है क्योंकि, उसने समय रहते कोई प्रयास नहीं किया और मामला कोर्ट में जाने दिया। पार्टी और सरकार इस पूरे मामले को राजनैतिक चश्मे से नहीं देखती है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए सभी पक्षों को उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह विवाद लंबे समय से चल रहा है, लेकिन कांग्रेस समेत पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी विवाद के हल का प्रयास नहीं किया। आज इस प्रकरण में राजनैतिक बयानबाजी करने वाले कॉंग्रेस के तमाम नेता किसी न किसी रूप में तत्कालीन सरकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। ऐसे में उनके अनुसार यदि कुछ गलत हो रहा था तो उन लोगों ने कोई बीच का रास्ता नही निकाला जो उसकी मंशा पर सवाल है

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