रेप और पोक्सो के आरोपी मुकेश बोरा की हाईकोर्ट में सुनवाई,राहत से इन्कार.

खबर शेयर करें -


उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने महिला से दुराचार और नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ के मामले में लालकुआं दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की जमानत प्रार्थनपत्र पर सुनवाई करते हुए फिलहाल कोई राहत नहीं दी है।

न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होनी तय हुई है। न्यायालय ने पूर्व में बोरा की अग्रिम जमानत और गिरफ्तारी पर रोक सम्बन्धी याचिका खारिज कर दी थी।

यह भी पढ़ें -  गौला नदी के निकासी गेटों के 100 मीटर परिधि में लगी धारा 144, सार्वजनिक स्थान पर 5 या 5 से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे और न ही होगी कोई सार्वजनिक सभा

आरोपी ने जमानत देने की प्रार्थना करते हुए कहा कि उनको षडयंत्र के तहत फंसाया गया है। यह घटना 2021 की है और अब आठ माह बीत जाने के बाद उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

एफ.आई.आर.में कहीं भी छेड़छाड़ का आरोप नही है। इसलिए उनके उपर पोक्सो नहीं जानी चाहिए। महिला उनपर बार बार दवाब डाल रही थी कि उसे नियमित किया जाय, जबकि वह दुग्ध संघ की कर्मचारी न होकर मैन पावर सप्लाई करने वाली कम्पनी की कर्मचारी थी। जब उनके द्वारा इस कम्पनी का टेंडर निरस्त किया गया तो इन्होंने मिलकर इस षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया।

यह भी पढ़ें -  1094 कनिष्ठ अभियन्ताओं को मिले नियुक्ति पत्र, CM ने दी बधाई, बोले योग्य युवा हर भर्ती परीक्षा में हो रहे हैं सफल

जबकि सरकार और पीड़िता की तरफ से इसका विरोध किया गया। पीड़िता की तरफ से यह भी कहा गया कि आरोपी ने 2021 से लेकर अब तक उसका शोषण किया है और बार बार जान से मारने की धमकी दी जा रही। इसके सारे सबूत उनके पास हैं। निचली अदालत में बयान देते हुए नाबालिग ने कहा कि उसके साथ छेड़छाड़ की गई है, इसलिए इनके ऊपर पोक्सो की धारा बनती है। इसलिए इनकी जमानत प्रार्थनपत्र को निरस्त किया जाय

Advertisement

लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -

👉 हमारे व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़ें

👉 फ़ेसबुक पेज लाइक/फॉलो करें

👉 विज्ञापन के लिए संपर्क करें -

👉 +91 94109 39999