पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय की तुलना हनुमान से करने पर उपाध्याय ने कड़ी आपत्ति की है। कभी रावत के सबसे विश्वासपात्र रहे किशोर चुनाव के वक्त कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इस चुनाव में वो टिहरी से चुनाव जीते हैं।
बकौल किशोर, मैंने रावत की एक सोशल मीडिया पोस्ट देखी, जिसमें उन्होंने स्वयं को भगवान राम के रूप में चित्रित करते हुए मुझ नाचीज को एक समय अपने हनुमान के रूप में बताया है। रावत जी भले राम हो सकते हैं लेकिन मेरे जैसा साधारण गरीब का बेटा हनुमान नहीं हो सकता। किशोर ने तंज कसते हुए कहा कि हनुमान जी की कृपा से मैंने, धीरेंद्र प्रताप, पूर्ण सिंह डंगवाल और रणजीत रावत ने रावत की राजनीतिक इच्छाओं को अपना बलिदान देकर पूरा किया है। रावत को इसका ख्याल रखना चाहिए। वरना उस वक्त वो बसंत कुंज में अवसाद ग्रस्त बैठे थे। किशोर ने आगे कहा कि, कौन रावण है, इस समय मतदाता ने आइना दिखा दिया है। स्वयं को राम घोषित करना, रावत जैसे महान व्यक्ति को शोभा नहीं देता है और अगर आप भगवान राम हैं तो देवप्रयाग जाकर अपने पापों का मोचन अवश्य करिएगा