अल्मोड़ा जिले के इतिहास में सोमवार का दिन बहुत दूर्भाग्यपूर्ण साबित हुआ l दीपावली पर्व की विदाई बेला पर सल्ट के मरचुला से आई दिल दहला देने वाली खबर से हर कोई स्तब्ध और दुखी है, हर तरफ मातम छाया है l इस हादसे ने अब तक मिली सूचना के अनुसार 36 घरों के दीपक बुझा दिए, किसी के सिर से माता पिता का साया चला गया तो किसी मां के कलेजे का टुकड़ा टूट गया, किसी बुजुर्ग का सहारा छूट गया तो किसी का सुहाग उजड़ गया। कई ऐसे भी थे जो दीपावली में हंसी खुशी अपने घरों को रोशन करने के बाद लौट रहे थे उन्हें क्या पता था कि वो अपने प्रियजनों के जीवन में ऐसा अंधेरा कर गए हैं जो उन्हें अंतिम सांस तक सालता रहेगा।
हादसे के बाद से रोती बिलखती तीन साल की शिवानी।हादसे में अपने माता पिता को खो चुकी है.उसे क्या पता कि उसके रोने चिल्लाने से ना मम्मी आएगी ना पापा.बताया गया है कि वह खुद भी घायल है. सर पर टांके आए हैं,पसली टूट गई है, वो दर्द से रो रही है.पर उससे भी ज्यादा वो अपनी मम्मी के वियोग में तड़फ रही है। इस मासूम को क्या पता कि उसके मम्मी व पापा का साया उसके सिर से उठ चुका है. उसकी आंखें तो बस चीख दहाड के बीच मम्मी,पापा को खोजती रही हैं.वह मासूम जब थोड़ा भी बीमार पड़ती होगी तो उसकी मम्मी तुरंत उसे अपनी गोद में सुलाती होगी.बेचारी शिवानी आज दोहरे जख्म से जूझ रही है. यह विधाता की कैसी विडंबना है कि जब बच्ची को अपने माता पिता की सबसे ज्यादा जरूरत थी तब वो उसके पास नही हैं l वह रोती, बिलखती, दर्द से कराहती मम्मी, पापा की बाट जोह रही है, रो रही है…मम्मी मम्मी चिल्ला रही है।
सल्ट बस हादसे में ‘अनाथ’ हुई 3 साल की शिवानी, मां-बाप की गई जान, बिलखती रही मासूम।⤵️
बस हादसा कई परिवारों को ताउम्र का दर्द दे गया। किसी ने अपना भाई खोया तो किसी ने मां और किसी के सिर से पिता का साया उठ गया। वहीं नन्ही तीन साल की शिवानी के सिर से माता-पिता दोनों का साया उठ गया। उसके माता-पिता की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
हादसे के बाद पहले पिता और बाद में मां ने दम तोड़ दिया। अस्पताल में चीखपुकार के बीच शिवानी अपने माता-पिता को खोजती दिखी। इससे अस्पताल के कर्मचारी भी बच्ची के दर्द को नहीं सह सके।
रामनगर उद्यान विभाग की खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण शाखा में बतौर सुपरवाइजर पद पर तैनात मनोज रावत पत्नी चारू और तीन साल की बेटी शिवानी के साथ दीवाली मनाने अपने गांव बिरखेत पौड़ी गढ़वाल गए थे। परिजनों के अनुसार छुट्टी सामाप्त होने पर वह बेटी और पत्नी के साथ वापस रामनगर आ रहे थे। बिरखेत से कुछ दूरी पर बस चली ही थी कि मोड पर अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में मनोज और चारू की मौत हो गई। शिवानी हादसे के बाद अपने माता- पिता को खोजती रही। मनोज-चारू की शिवानी एकलौती संतान है। दोनों ही शिवानी का विशेष तौर पर ध्यान रखा करते थे। उद्यान प्रभारी अर्जुन सिंह परवाल ने बताया कि मनोज विज्ञान शाखा में युवाओं को प्रशिक्षण देते थे। वह कई वर्षों से रामनगर में ही तैनात थे।