हल्द्वानी-शास्त्री महेश चंद्र जोशी ने बताया कि इस वर्ष पंचांग के अनुसार पितृ (श्राद्ध पक्ष) 20 सितंबर 2021 भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष सोमवार की पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होकर 6 अक्टूबर 2021 आश्विन कृष्ण पक्ष के बुधवार अमावस्या तिथि को समाप्त होंगे। शास्त्री महेश चंद्र जोशी ने श्राद्ध (पितृ पूजन) का महत्व बताते हुए कहा कि सत्य और श्रद्धा से किए गए कर्म श्राद्ध और जिस कर्म से माता पिता और आचार्य तृप्त हो वह तर्पण है शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध को पितृ यज्ञ कहा जाता है वेदों के अनुसार यज्ञ पांच प्रकार के होते हैं (1)ब्रह्मा यज्ञ (2)देव यज्ञ (3)पितृ यज्ञ (4)वैश्वदेव यज्ञ (5)अतिथि यज्ञ इन पांच यज्ञ में से ही एक यज्ञ है पितृ यज्ञ इसे पुराणों में श्राद्ध कर्म की संज्ञा दी गई है।
शास्त्री महेश चंद्र जोशी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण एवं श्राद्ध करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है श्राद्ध का तात्पर्य है पितरों के प्रति प्रकट की जाने वाली श्रद्धा ही श्राद्ध है शास्त्री महेश चंद्र जोशी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में शराब मांसाहार पूरी तरह वर्जित माना जाता है श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं रात्रि में श्राद्ध नहीं किया जाता है श्राद्ध का समय दोपहर 12:30 से 1:00 के बीच उपयुक्त माना गया है।
शास्त्री महेश चंद जोशी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में कौओं ,कुत्तों और गायों को अपने भोजन के हिस्से से भोजन निकालकर इन्हें देना चाहिए क्योंकि यह सभी जीव यमराज के अत्यधिक नजदीक रहते हैं।
पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां–
पूर्णिमा श्राद्ध – 20 सितंबर 2021
प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर 2021
द्वितीया श्राद्ध – 22 सितंबर 2021
तृतीया श्राद्ध – 23 सितंबर 2021
चतुर्थी श्राद्ध – 24 सितंबर 2021
पंचमी श्राद्ध – 25 सितंबर 2021
षष्ठी श्राद्ध – 27 सितंबर 2021
सप्तमी श्राद्ध – 28 सितंबर 2021
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर 2021
नवमी श्राद्ध – 30 सितंबर 2021
दशमी श्राद्ध – 1 अक्तूबर 2021
एकादशी श्राद्ध – 2 अक्तूबर 2021
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्तूबर 2021
त्रयोदशी श्राद्ध – 4 अक्तूबर 2021
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्तूबर 2021
अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्तूबर 2021
इस साल 26 सितंबर को श्राद्ध तिथि नहीं है।