लाश के छह टुकड़े: इंटीरियर डिजाइनर की हत्या, फ्लैट के लिए की गई

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गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद में हुए सनसनीखेज हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। इंटीरियर डिजाइनर की हत्या फ्लैट के लिए की गई थी। गाजियाबाद के राजनगर एक्टेंशन की औरा कायमोरा सोसायटी के रहने वाले अक्षय ने हत्याकांड की साजिश रची।
दरअसल, अक्षय अंजली का बहनोई है। अंजलि और इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। अक्षय ने अंजलि के नाम पर फ्लैट ले रखा है। अक्षय को अंजलि की तरुण से नजदीकी का पता चल गया था। अक्षय को डर था कि अंजलि तरुण को फ्लैट दे सकती है। अक्षय के कहने पर बुलंदशहर के बीबीनगर के गांव खरकाली निवासी पवन ने अपने साथियों के साथ वारदात को अंजाम दिया।डीसीपी नगर राजेश कुमार ने बताया कि बुलंदशहर के बीबीनगर के गांव खरकाली निवासी पवन, वंश और राजनगर एक्सटेंशन की औरा कायमेरा सोसायटी निवासी अंजली को गिरफ्तार किया है। अंजली इसी सोसायटी में हेल्प डेस्क मैनेजर है।
मामले में बीबीनगर के चित्तसौना निवासी दीपांशु, अक्षय, जीते, अंकुर, मनोज और अंकित फरार हैं। इनकी तलाश की जा रही है। पूछताछ में पवन ने हत्या की बात कुबूल की है। पूछताछ में पवन पुलिस को बताया है कि वह अंजलि को पसंद करता है। अंजलि से तरुण के भी संपर्क थे। तरुण और अंजलि की नजदीकियां काफी बढ़ने लगी थीं। इसकी जानकारी उसे हुई तो उसने अंजलि से बात करने के बाद तरुण की हत्या की साजिश रची।
जिसमें उसने अंजलि के जीजा अक्षय और अपने दोस्तों को भी शामिल किया। अंजलि के अक्षय से भी संबंध हैं। अंजलि ने अपने मोबाइल में तरुण का नंबर लड़की के नाम से सेव किया हुआ था। जिससे अक्षय भी नाराज था, इसलिए वह भी इस वारदात में शामिल हो गया।
इंटीरियर डिजाइनर तरुण पंवार की हत्या के मामले में जेल भेजे गए पवन ने बताया कि अक्षय अंजलि का बहनोई है। अंजलि से उसकी दोस्ती भी है। उसने उसके नाम एक फ्लैट कर रखा है। उसे पता चला कि अंजलि की नजदीकियां तरुण के साथ बढ़ रही हैं। अंजलि ने अपने मोबाइल में तरुण का नाम लड़की के नाम से सेव कर रखा है। अक्षय को चिंता होने लगी कि कहीं वह तरुण के साथ न रहने लगे और उसका फ्लैट उसके नाम न कर दे। इसी चिंता में अक्षय मुझसे से तरुण को रास्ते से हटाने के लिए कहा। पवन ने बताया कि तरुण का अपहरण कर उसे डराने-धमकाने की साजिश रची थी, लेकिन हालात ऐसे बने कि उसकी हत्या करनी पड़ी।
पुलिस पूछताछ में पवन ने बताया कि कुछ दिनों से अंजलि को उसके जीजा ने औरा कायमोरा सोसायटी में फ्लैट दिलवाया था। हेल्प डेस्क पर उसकी नौकरी भी लगवाई थी। इसके बावजूद उसके व्यवहार में बदलाव महसूस हो रहा था। वह फोन पर बहुत समय बिताने लगी थी। बॉडी बिल्डर पवन भी अंजलि का दोस्त है। पवन को भी यह पसंद नहीं आया कि तरुण और अंजलि के बीच नजदीकियां बनें।
तरुण शादीशुदा है लेकिन उसकी पत्नी काफी समय से उससे अलग रहती है। इसी तरह अंजलि का अपने पति से झगड़ा है और वह उससे अलग रहती है। दोनों की स्थिति देखकर चिंता हुई कि कहीं दोनों साथ न रहने लगें और अंजलि फ्लैट को उसके नाम न कर दे। इसलिए, उसने पवन से कहा कि किसी भी तरह तरुण को अंजलि से दूर करना है। उसे इतना डरा देना है कि वह अंजलि को फोन भी न करे। अपहरण कर उसे पीटने की साजिश रची। वारदात के समय अंजलि को सिर्फ इसलिए साथ रखा गया ताकि वह पुलिस से शिकायत न करे। ऐसा ही हुआ। अंजलि डर गई। उसने पुलिस को कुछ नहीं बताया।
फावड़े से नहीं कटी तरुण की गर्दन तो दरांती मंगाई
पवन ने पुलिस को बताया कि वे लोग हत्या के बाद तरुण की लाश को कार से बुलंदशहर के खरकाली गांव पहुंचे। वहां ट्यूबवेल से फावड़ा लेकर आए। इससे लाश के टुकड़े गए। पहले एक-एक कर दोनों हाथ काटे। इसके बाद पैर। लेकिन, जब गर्दन नहीं कट सकी। इस पर दीपांशु को भेजकर ट्यूबवेल से दरांती मंगाई। इससे गर्दन काटकर धड़ से अलग की। इस तरह दो हाथ, दो पैर, गर्दन और धड़ मिलाकर लाश के छह टुकड़े हो गए। इन्हें सीमेंट के खाली कट्टों में भरा। इसके बाद बीबीनगर और आसपास के नहरों में तीन जगहों पर दो दो टुकड़े फेंके। पुलिस ने इनमें से औरंगाबाद से दायां पैर बरामद किया है। बाकी हिस्सों की तलाश के लिए गोताखोर लगाए गए लेकिन अब तक ये नहीं मिल सके हैं।
आरोपियों की भूमिका गिरफ्तार
पवन : बुलंदशहर के खरकाली गांव का है। अक्षय के कहने पर तरुण की हत्या की और लाश को अपने गांव ले जाकर टुकड़े किए और नहर में फेंके। वंश : हत्या से लेकर तरुण की कार ठिकाने लगाने और शव के टुकड़े कर नहर में फेंकने तक में शामिल रहा।अंजलि : औरा कायमोरा सोसायटी में रहती है। हत्या से लेकर लाश के टुकड़े करने और ठिकाने लगाने तक की जानकारी होने पर भी पुलिस को नहीं बताया।
फरार आरोपी
अक्षय : राजनगर एक्टेंशन की औरा कायमोरा सोसायटी का निवासी है। वारदात की साजिश रची। हत्या और शव के टुकड़े करने तक में शामिल रहा।मनोज : मोरटा गांव का निवासी है। उसी के घर में तरुण की हत्या की गई। जानकारी होने पर भी पुलिस से शिकायत नहीं की। दीपांशु : बीबीनगर के चित्तसौना गांव का निवासी है। हत्या से लेकर तरुण की कार ठिकाने लगाने और शव के टुकड़े करने तक में शामिल रहा। जीते : लोनी की इंदिरापुरी काॅलोनी का निवासी है। हत्या के समय मौजूद था। घर के बाहर पहरा दिया। वारदात की जानकारी होने पर भी पुलिस को नहीं बताया।
अंकुर : लोनी की इंदिरापुरी काॅलोनी का निवासी है। हत्या के समय मौजूद था। घर के बाहर पहरा दिया। वारदात की जानकारी होने पर भी पुलिस को नहीं बताया।अंकित : लोनी की इंदिरापुरी काॅलोनी का निवासी है। हत्या से लेकर शव को ठिकाने लगाने तक में साथ रहा। डीएनए परीक्षण होगा
फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। तरुण पंवार के शव का जो हिस्सा मिला है, उसका परिजनों के डीएनए से मिलान कराया जाएगा। आरोपियों के खिलाफ कई साक्ष्य जुटाए गए हैं

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