देहरादून: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर जनजाति कल्याण विभाग, उत्तराखंड के अंतर्गत जनजाति शोध संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड के द्वारा उतराखंड के सभी जनजाति छात्र छात्राओं हेतु चित्रकला एवं रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध सभी छात्र-छात्राओं ने समाज को इसके दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराते हुए अपने वातावरण से सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने का प्रण लिया।
जनजाति कल्याण विभाग के निदेशक संजय सिंह टोलिया ने छात्र छात्राओं को अपने संदेश में कहा की जनजाति समाज हमेशा से ही प्रकृति के सबसे करीब रहा है और इस राष्ट्रव्यापी मुहिम में एक आवश्यक भूमिका निभा सकता है। हमारे प्रयास से समाज में इस विषय पर जागरूकता बढ़ेगी और भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन को एक जनभागीदारी मुहिम के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
जनजाति कल्याण विभाग के अपर निदेशक योगेंद्र रावत ने कहा की राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर आयोजित इस प्रतियोगिता का यह उद्देश्य है की छात्र छात्राओं को वैज्ञानिक रूप से इस समस्या का निदान खोजने हेतु प्रेरित किया जाए। विभाग द्वारा आने वाले निकट भविष्य में इस संबंध में एक विस्तृत कार्यक्रम भी चलाया जाएगा जिसमे समाज के सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
उक्त कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जनजाति शोध संस्थान के शोध अधिकारी राजीव सोलंकी ने बताया की इस कार्यक्रम में विभागान्तर्गत सभी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं राजकीय जनजाति छात्रावास के सभी छात्र छात्राओं ने हजारों की संख्या में प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता में जीतने वाले सभी छात्र छात्राओं को विभाग द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।