जल्द होगा बाबा तरसेम सिंह की हत्या का खुलासा, पुलिस ने किया हत्याकांड के मुख्य षडयंत्रकारी को अरेस्ट

खबर शेयर करें -



उधमसिंह नगर पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। नानकमत्ता के प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड मामले में पुलिस ने दो और षडयंत्रकारियों को गिरफ्तार किया है। बता दें अभी तक पुलिस हत्याकांड प्रकरण में शामिल नौ षडयंत्रकारियों को गिरफ्तार और एक मुख्य आरोपित का एनकाउंटर कर चुकी है। बताया जा रहा है गिरफ्तारी आरोपी घटना का मुख्य षडयंत्रकारी है।

हत्याकांड के मुख्य षडयंत्रकारी अरेस्ट
आरोपियों की पहचान सतनाम सिंह (51) निवासी शाहजहांपुर और सुल्तान सिंह (55) निवासी रामपुर के रूप में हुई है। सतनाम को पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है। जबकि सुल्तान को हरियाणा से गिरफ्तार किया है। बता दें सुल्तान सिंह हत्याकांड का मुख्य षडयंत्रकारी है। सुल्तान ने ही बाबा तरसेम की हत्या की साजिश रची थी। इसके साथ ही उसने हत्या के लिए अन्य षडयंत्रकारियों को एकत्रित कर शूटरों को पैसे और हथियार उपलब्ध करवाए थे।

यह भी पढ़ें -  घर से लापता हुई फौजी की पत्नी एक महीने बाद मिली, पढ़े पूरी खबर

शातिराना तरीके से बदल रहे थे आरोपित ठिकाने
पुलिस द्वारा दी जानकारी के मुताबिक सतनाम सिंह की गिरफ्तारी के लिए मुकदमें के लिए गठित SIT की विभिन्न टीमों को तैनात किया गया था। इस दौरान सतनाम गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा। आरोपी को शुक्रवार को गौरीफंटा लखीमपुर खीरी से गिरफ्तार कर लिया है।

उधर 20 हजार के इनामी सुल्तान को गिरफ्तार करने के लिए भी SIT की विभिन्न टीमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व पंजाब के विभिन्न स्थानों पर लगातार दबिश दे रही थी। लेकिन आरोपी बहुत ही शातिर होने व लम्बे आपराधिक इतिहास के कारण शातिराना तरीके से अपने ठिकाने बदलकर छिपता रहा। आर ओपी को पुलिस ने हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया है।

यह भी पढ़ें -  अल्मोड़ा वनाग्नि हादसा, घायलों को एयरलिफ्ट कर दिल्ली एम्स किया शिफ्ट, सीएम खुद ले रहे अपडेट

घटना के बाद से चल रहे थे दोनों आरोपी फरार
पुलिस द्वारा दी जानकारी के मुताबिक सतनाम द्वारा अपने साथी दिलबाग, बलकार, परगट व हरविन्दर उर्फ पिन्दी के साथ मिलकर बाबा तरसेम की हत्या का षडयन्त्र रचा था। इस षडयन्त्र को पूरा करने के लिए उन्होंने आवास विकास स्थित गुरुद्वारे व दिलबाग के घर पर की गई मीटिंगों में पूरी योजना बनाई थी। इसके साथ ही हत्या के लिए सरबजीत व अमरजीत को अपने साथियों के साथ मिलकर पैसा, मोबाईल, हथियार व अन्य संसाधन उपलब्ध कराए थे। बता दें दोनों घटना के बाद से ही लगातार फरार चल रहे थे।

यह भी पढ़ें -  राजाजी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की नो एंट्री,अब 15 नवम्बर को खुलेंगे

वर्चस्व को लेकर चल रही थी रंजिश
उधर तराई क्षेत्र में गुरुद्वारों व सिक्ख समुदाय से जुडे धार्मिक स्थालों पर वर्चस्व को लेकर चल रही रंजिश के कारण सुल्तान द्वारा कुछ प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर बाबा तरसेम की हत्या करने के लिए दिलबाग, बलकार, परगट व हरविन्दर व सतनाम को षडयन्त्र में शामिल करते हुए सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया। आरोपी का मुख्य शूटर अमरजीत से सीधा सम्पर्क भी सामने आया है ।

Advertisement