2015 सटीएफ ने 10 से 12 संदिग्ध दारोगाओं की सूची विजिलेंस को सौंप दी है। जांच में यदि गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा। भर्ती की गड़बड़ी में भी हाकम सिंह व सैय्यद सादिक मूसा का हाथ होने की संभावना है।वर्ष 2015 में भर्ती हुए कुछ दारोगा विजिलेंस की जांच की जद में आ गए हैं।
एसटीएफ ने 10 से 12 संदिग्ध दारोगाओं की सूची विजिलेंस को सौंप दी है विजिलेंस अब संदिग्ध दारोगाओं की भूमिका की जांच करेगी। उनके दस्तावेजों के साथ उनकी उत्तर पुस्तिका की भी जांच की जाएगी। जांच में यदि गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा। विजिलेंस ने परीक्षा करवाने वाले गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय से भी रिकार्ड मंगवा लिया है।
वर्ष 2015 में हुई दारोगाओं की यह सीधी भर्ती तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में हुई थी। 339 पदों के लिए हुई इस भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर को दी गई थी