जमीन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी अरेस्ट, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

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पुलिस ने अमरीक गैंग के मुख्य सदस्य को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भिजवाया है. आरोपी पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था. आरोपी की गिरफ्तारी और संपत्ति की कुर्की के लिए पुलिस पिछले तीन दिनों से हरियाणा में डेरा डाले हुए थी. जिसकी भनक लगते ही आरोपी फरार हो गया. बता दें आरोपी बाबा अमरीक गैंग द्वारा कई राज्यों में की अरबों रुपए की धोखाधडी में शामिल था.


बता दें देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में थाना राजपुर में पंजीकृत एक मामले में गोविंद सिंह पुंडीर को भूमि विक्रय के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई थी. मामले में कई अभियुक्त फरार चल रहे थे, जिनमें से एक बाबा अमरीक को हाल ही में हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था.

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दो आरोपी चल रहे थे फरार
पुलिस ने पहले ही कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था, जबकि संजीव कुमार और संजय गुप्ता लगातार फरार थे. दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किए गए थे. हालांकि, ये दोनों लगातार फरार चल रहे थे, दोनों की गिरफ़्तारी के लिए एसएसपी अजय सिंह ने 10 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया था. पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित की, जिसने 23 सितंबर को मुखबिर की सूचना पर संजय गुप्ता को देहरादून के कचहरी परिसर से गिरफ्तार किया.

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मोहंड के पास से किया गिरफ्तार
संजय की गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने संजीव कुमार की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए. पुलिस ने उसके घर पर कुर्की की कार्रवाई करने की योजना बनाई. लेकिन उसे इसकी भनक लग गई और वह वहां से फरार हो गया. 30 सितंबर को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर संजीव कुमार को मोहंड के पास से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्य मिलकर लोगों को जमीन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे.

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ऐसे देते थे धोखाधड़ी को अंजाम
आरोपी लोगों को सस्ते दामों पर जमीन बेचने का लालच देकर बुलाते थे और उनके विश्वास को जीतने के लिए बाबा अमरीक की मदद से जमीन की मिट्टी उठाकर उसे सूंघते हुए दिखाते थे. इस तरह वे लोगों को यह विश्वास दिलाते थे कि यह जमीन उनके लिए उपयुक्त है. जिसके बाद लोगों से मोटी धनराशि लेकर समय-समय पर रजिस्ट्री के बहाने से उन्हें टालते रहते थे और मौका देखकर फरार हो जाते थे. अब तक इस गिरोह ने विभिन्न राज्यों में अरबों रुपये की धोखाधड़ी की है और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं

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