13 दिसंबर को पट्टी तल्ला कांडा में भाई ने लिखाई थी गुमशुदगी
29 अक्टूबर से मृतक का स्वीच आफ था फोन
भीमताल। ओखलकांडा ब्लॉक के कचलाकोट में राजस्व पुलिस ने शनिवार को रूई एवं रजाई गद्दों का कार्य करने वाले बिहारी व्यक्ति की हत्या कर लाश गड्ढे में दबाने की सनसनी खेज का खुलासा किया है। राजस्व पुलिस ने निशानदेही पर बिहारी के शव को गड्ढे से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना के बाद क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। जानकारी के अनुसार 13 दिसंबर 2022 को पट्टी तल्ला कांडा में राजस्व उपनिरीक्षक को सोयब आलम पुत्र स्व. जहीर मियाँ निवासी चंपारण बिहार द्वारा अपने भाई तबरेज आलम पुत्र जहीर मियाँ के 29 अक्टूबर 2022 से ग्राम कचलाकोट पट्टी तल्ला कांडा धारी से गायब होने की सूचना दी गई। जिस पर राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा गुमशुदगी दर्ज कर जाँच की गई। मृतक के परिजनों ने बताया कि उसका भाई तबरेज आलम मूल निवासी- चंपारण बिहार व संतू बैठा निवासी -चंपारण बिहार ग्राम कचलाकोट में रूई एवं रजाई गद्दों का कार्य करता था एवं 29 अक्टूबर से उसके भाई का फोन लगातार बंद होने मिल रहा था। जिसके कारण आशंका के चलते उसने 13 दिसंबर को राजस्व उपनिरीक्षक तल्ला कांडा में गुमशुदगी दर्ज करायी। गुमशुदगी दर्ज होने उपरांत राजस्व उपनिरीक्षक द्वारा जाँच व खोजबीन एवं स्थानीय स्तर पर पूछताछ की गई । शनिवार को राजस्व पुलिस द्वारा ग्राम कचलाकोट के स्थानीय निवासी यशोदा देवी एवं उनके पति महेश सिंह से भी घटना के संबंध में पूछताछ की गई। पूछताछ में पता चला कि गुमशुदा व्यक्ति के साथ रह रहे संतू बैठा निवासी चंपारण बिहार द्वारा अपने साथी तबरेज आलम की हत्या की गई है, जिसे इन दोनों ने देवकी देवी पत्नी माधव सिंह के साथ मिलकर मृतक के साथी संतू बैठा के कहने पर उसे जमीन में गड्ढ़ा खोदकर गाँव के समीप ही गाड़ दिया गया। एसडीएम योगेश महरा ने बताया यशोदा देवी एवं महेश सिंह की निशानदेही पर मृतक के भाई की उपस्थिति में शनिवार को गड्ढे में दबाये शव को खोदकर बरामद कर लिया गया है। मृतक के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम की कार्यवाही के साथ ही वारदात में शामिल उपरोक्त के विरुद्ध हत्या एवं घटना के साक्ष्य छिपाने के संबंध में अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
हत्यारा कोई दूसरा नहीं बल्कि उसका साथ ही निकला
भीमताल। ओखलकांडा ब्लॉक के कचलाकोट में बिहारी व्यक्ति को मौत के घाट उतारने वाला कोई दूसरा नहीं बल्कि उसके साथ काम करने वाला व्यक्ति ही निकला है। इससे बड़ी एक और बात यह है कि दोनों बिहार के एक गांव के रहने वाले थे। राजस्व पुलिस को पूछताछ में पता चला कि तबरेज आलम व संतू बैठा निवासी चंपारण बिहार एक साथ कचलाकोट में रूई एवं रजाई गद्दों का कार्य करते थे। संतू बैठा ने अपने साथी तबरेज आलम की हत्या कर शिनाख्त मिटाने के लिए उसे गड्ढे में दबा दिया। मृतक के परिजनों की मानें तो 29 अक्टूबर से
तबरेज आलम का फोन बंद था। जिससे आशंका जताई जा रही है कि तब ही उसकी हत्या कर शव को गड्ढे में दबा दिया गया। उसके द्वारा बड़े ही शातिर तरीके से हत्या की गयी, करीब डेढ़ महीने के अन्तराल में ग्रामीणों को भी हत्या की भनक नहीं लग सकी।
ओखलकांडा में सात माह के अंदर दो हत्याएं
भीमताल। ओखलकांडा ब्लॉक में सात माह के अन्तराल में दो हत्या हो चुकी हैं। इससे पहले 6 जून को अधौड़ा डूंगरी में गौनियारो निवासी चंदन सिंह का अधजला शव मिला था। जिसके हत्यारे अभी तक पकड़ में नहीं आ सके हैं। ब्लॉक के लोग अभी पहली घटना को ही नहीं भूले थे, रविवार को दूसरी हत्या की घटना सामने आ गयी।
बाहरी प्रदेशों के मजदूरों का हो सत्यापन
भीमताल। क्षेत्र के ग्रामीणों ने प्रशासन से दूसरे प्रदेशों से गांवों में आ रहे मजदूरों का सत्यापन करने की मांग उठाई है। ग्रामीणों ने बताया बाहरी लोगों का सत्यापन न होने से गांवों में इस तरह की बारदातों को बल मिल रहा है। साथ ही चोरी चकारी भी लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने गांवों में घूमने वाले फेरीवालों व बाहरी प्रदेशों के मजदूरों का सत्यापन करने की मांग उठाई