सिलक्यारा टनल हादसे के छह महीने बीत चुके हैं। अब नवयुगा कंपनी ने बाबा बौखनाग देवता के मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है। बाबा बौखनाग ने सिलक्यारा टनल से मजदूरों के सुरक्षित निकालने का आशीर्वाद दिया था।
नवयुगा कंपनी ने सिलक्यारा टनल हादसे के छह महीने के बाद बाबा बौखनाग देवता के मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है। बता दें कि ये मंदिर सिलक्यारा मोड़ की ओर बनाया जा रहा है। सिलक्यारा टनल से मजदूरों के सुरक्षित निकालने का बाबा बौखनाग ने आशीर्वाद दिया था।
42 मजदूर फंस गए थे टनल के अंदर
बता दें कि पिछले साल दिवाली की सुबह नवंबर 2023 में सिलक्यारा टनल में भूस्खलन हो गया था। जिस कारण सुरंग के अंदर 42 मजदूर फंस गए थे। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ ही विदेशी कंपनियों की मदद भी ली गई थी। आस्ट्रेलिया से भी इसके लिए विशेषज्ञ बुलाए गए थे।
रैट माइनर्स की सहायता से बाहर निकले थे मजदूर
आपको बता दें कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रैट माइनर्स की मदद ली गई थी। रैट माइनर्स ने सुरंग के अंदर मैन्युअल ड्रिल कर मजदूरों को बाहर निकाला था। मजदूरों को बाहर निकालने वाली रैट माइनर्स की टीम में पांच रैट माइनर राकेश राजपूत, प्रसाद लोधी, बाबू दामोर भूपेंद्र राजपूत, जैतराम केलपुरा टीकमगढ़ मध्य प्रदेश के निवासी थे। जबकि एक बिहार निवासी था।