डीएम ने उपजिलाधिकारियों को निर्देश दियें कि सभी तहसील मुख्यालयों में आपदा कंट्रोल रूम संचालित किये जाय

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बागेश्वर :-मानसून के दृष्टिगत विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जिलाधिकारी/अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विनीत कुमार की अध्यक्षता में आज कलैक्ट्रेट सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने आपदा से जुडे विभागों को निर्देश दियें कि आपदा के दृष्टिगत सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें तथा किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर कम समय में राहत एवं बचाव कार्य किया जाय, इसमें किसी भी प्रकार का विलंब न हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देश दियें कि सभी तहसील मुख्यालयों में आपदा कंट्रोल रूम संचालित किया जाय, इसमे वायरलैस सेट सहित अन्य सभी आवश्यक उपकरण दूरस्थ रखा जाय तथा उपकरण संचालन हेतु कार्मिकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाय, ताकि आपदा की घटना होने पर त्वरित गति से राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि जनपद के किसी भी क्षेत्र घटित होने वाली घटना की सूचना कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराया जाय, तथा घटना का पूरा विवरण अंकित किया जाय, तथा उसी के आधार पर क्षतिग्रस्त कार्यो/योजनाओं की कार्ययोजना हेतु प्रस्ताव तैयार कर प्रेषित करने के निर्देश दियें। उन्होंने सड़क मार्ग से जुडे सभी अधिकारियों से 15 जून मानसून से पहले सभी सड़कों के नालियों एवं कलमठों की सफार्इ अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होने कहा कि जिन क्षेत्रों में भू-स्खलन के कारण अधिकांश सड़क मार्ग बाधित होते है ऐसे सड़को को चिन्हित करते हुए उनमें पर्याप्त मात्रा में जेसीबी तैनात करते हुए इसके चालको के मोबार्इल नंबर जिला आपदा कार्यालय को उपलब्ध कराये जाए। तथा अवरूद्ध मोटर मार्ग को तत्काल यातायात के लिए सुचारू किया जाय, तथा ऐसे भू-स्खलन वाले स्थनों पर चेतावनी बोर्ड भी लगाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि आपदा के दृष्टिगत बनाये जाने वाले हैलीपैड को भी चिन्हित किया जाय।जनपद में पेयजल की आपूर्ति आदि के संबंध में समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने जलसंस्थान एवं पेयजल निगम को निर्देशित करते हुए कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि क्षतिग्रस्त पेयजल लार्इनों को तत्परता के साथ ठीक किया जाय, तथा जनपद में स्थित पेयजल टेंकों की नियमित रूप से सफार्इ की जाय, जिस पर सफार्इ किये जाने की तिथि का स्पष्ट रूप से अंकन हो। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में आपदा के कारण पेयजल लार्इने क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, ऐसे क्षेत्रों में टैंकरों एवं अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं के साथ पेयजल आपूर्ति तत्काल सुनिश्चित की जाय। उन्होंने जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में खाद्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने हेतु जिला पूर्ति अधिकारी को आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त खाद्यान्न सामग्री की उपलब्धता बनाये रखने को कहा, तथा यह सुनिश्चित किया जाय कि जिन क्षेत्रों में सड़क मार्ग अवरूद्ध हो उन क्षेत्रों में स्थानीय दुकानदारों के माध्यम से क्षेत्र में खाद्यान्न की आपूर्ति का उचित प्रबंधन किया जाय तथा डीजल व पेट्रोल की निरंतर उपलब्धता बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंचार्इ विभाग को निर्देश दियें कि अत्यधिक वर्षा के कारण नदी का जल स्तर बढने पर नदी किनारे रह रहें लोंगो को तत्काल अलर्ट किया जाय, इसके लिए उन्हें पूर्व में ही सचेत किया जाय। उन्होंने विद्युत विभाग को भी निर्देश दियें कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर तत्काल विद्युत आपूर्ति बहाल की जाय, तथा पर्याप्त मात्रा में टांसफार्मर सहित अन्य उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। इसके साथ ही झूल रहें विद्युत तारों को तत्काल ठीक करने तथा विद्युत लार्इनों के लिए खतरा बने हुए पेडों की लॉपिंग सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने स्वास्थ विभाग एवं पशुपालन विभाग को आवश्यक दवा के साथ आपदाग्रस्त क्षेत्रों में त्वरित गति से स्वास्थ सुविधा उपलब्ध करायी जाय, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में दवा का स्टॉक रखने के निर्देश दियें। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दियें कि गांव एवं शहरी क्षेत्रों में जो पेड़ सुरक्षा की दृष्टि से आमजनता के लिए खतरा बने हुए है, ऐसे पेडों को चिन्हित करते हुए इसकी सूची वन विभाग को उपलब्ध करायी जाय, ताकि ऐसे पेडों को तत्काल पातन की कार्रवार्इ वन विभाग द्वारा की जा सके, इस संबंध में उन्होंने सभी ग्राम प्रधानों से भी सूचना उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने नगर क्षेत्र में साफ-सफार्इ की व्यवस्था हेतु अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दियें कि 15 जून से पहले नगर क्षेत्र की सभी नालियों एवं कलमठों की साफ-सफार्इ सुनिश्चित की जाय, ताकि भारी वर्षा के कारण जल भराव की समस्या न होने पाए। इसके साथ ही उन्होंने निरंतर नगर क्षेत्र में फॉगिंग एवं चूने का छिडकाव करने को कहा। उन्होंने आपदा के दौरान जनपद में दूरसंचार व्यवस्थाओं को दूरस्थ रखने के निर्देश बीएसएनएल को दिये। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दियें कि आपदा की दृष्टि से जो विद्यालय जीर्ण-क्षीर्ण हैं, उनमें किसी भी दशा में पठन-पाठन का कार्य न किया जाय, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाय। जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग से पुलिस थानों को आपदा के समय अलर्ट पर रखने, सभी उपकरणों को दूरस्थ रखने के साथ ही इनको संचालित करने वाले कार्मिकों को भी उचित प्रशिक्षण उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दियें कि आपदा के दौरान कोर्इ भी अधिकारी अपने मोबार्इल फोन को बंद नहीं रखेंगे एवं कोर्इ भी अधिकारी बिना अनुमति के अवकाश पर नहीं रहेंगे, और कहा कि यदि किसी अधिकारी द्वारा अपने कार्य में लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवार्इ अमल में लायी जायेगी। जिलाधिकारी ने सातरतबे बुनाकोट में मकान के ऊपर पेड़ गिरने से दो लोगो की हुर्इ मृत्यु पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उपजिलाधिकारी बागेश्वर को पीडित परिवार को तत्काल राहत एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दियें। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, मुख्य विकास अधिकारी डी0डी0 पंत, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, प्रभागीय वनाधिकारी हिमाशु बगरी, जिला विकास अधिकारी के0एन0तिवारी, उप जिलाधिकारी बागेश्वर योगेन्द्र सिंह, काण्डा राकेश चन्द्र तिवारी, कपकोट प्रमोद कुमार, गरूड जयवर्द्धन शर्मा, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 कमल पंत, अधि0अभि0 लोनिवि संजय पांडे, विद्युत भाष्करानंद पांडे, जिला पूर्ति अधिकारी अरूण कुमार वर्मा, सहायक परिवहन अधिकारी निखिल शार्मा, मुख्य शिक्षा अधिकारी पदमेन्द्र सकलानी, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्या, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी देवेन्द्र नाथ गोस्वामी, अधि0अधि0 नगर पालिका राजेदव जायसी, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी शिखा सुयाल सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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