गोला नदी क्षेत्र के लोगों के लिए लाइफलाइन कही जाने वाली खनन पर ग्रहण लग गया है
गोला खनन संघर्ष समिति ने एलान कर दिया है अगर गोला से माल नहीं लिया जाएगा आपके यहां से भी निकासी बंद कर दी जाएगी
सरकार की ढुलमुल नीति से स्थानीय बेरोजगारों के रोजी रोटी पर कुठाराघात
हल्दुचौर क्रेशर मालिकों ने 3 मई से आरबीएम लेना बंद कर दिया है जिसे गोला नदी से जुड़े हुए वाहन स्वामी और मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है उनका कहना है अगर इन्होंने गोला नदी बंद करनी थी या माल नहीं लेना था 2 दिन पहले ऐलान कर देते कम से कम 1 महीने का टैक्स इंश्योरेंस बच जाता वाहन स्वामियों पर हर तरफ से दोहरी मार पढ़ रही है एक तरफ टैक्स इंश्योरेंस दूसरी तरफ क्रेशर स्वामियों की मनमानी के चलते रेट डीजल का महंगा होना और भी लुब्रिकेंट तेल मोटर पार्ट्स मोटर मैकेनिकल आइटम इतनी महंगाई को चलते हुए वाहन को इतने ऋतु में चलाया जा रहा है चलाया जा रहा है इसका मुख्य कारण यह है जो क्रेशर वालों को समतलीकरण नाम से गड्ढे खोदने की इजाजत सरकार ने दी है उसके चलते क्रेशर वालों को फायदा दिलाने के लिए आम वाहन स्वामियों को इसका नुकसान झेलना पड़ रहा है
गोला खनन संघर्ष समिति के संयोजक रमेश चंद्र जोशी ने बताया अगर स्टोन क्रेशर अपनी मनमानी करेंगे इनके आउटगोइंग बंद कर दी जाएगी और उन्होंने यह भी कहा है कल से धरना प्रदर्शन किया जाएगा यह भी आरोप लगाया शुरुआत में गोला नदी चलाने में क्रेशर वालों की भूमिका संदिग्ध थी क्योंकि इनको सस्ते दामों में खनन सामग्री प्राप्त हो रहा था कई बार इस मामले में वार्ता करने पर वह अपनी मनमानी में अड़े हुए हैं
इससे पूर्व क्षेत्र के पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर मोटर वाहनों की समस्याओं के बारे में अवगत कराया था बार बार कहने पर भी अभी तक इस पर कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया
वाहन स्वामियों का कहना है कि अगर दो 1 दिन में इसका फैसला नहीं होता है तो बाहर से आए हुए मजदूर अपने गांव को वापस चले जाएंगे उन्होंने मांग की कि जल्दी से जल्दी शासन प्रशासन इस पर कार्यवाही करें.