

उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है. धामी सरकार ने चारधाम यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘आज से थोड़ा कम’ अभियान शुरू किया है.
उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘आज से थोड़ा कम’ अभियान
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सीएम धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर इस अभियान की शुरुआत ग्राउंड जीरो पर की गई है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य भोजन में अधिक नमक, चीनी और वसा की मात्रा को नियंत्रित करना है, ताकि हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से बचा जा सके. रेस्टोरेंट और खाने-पीने की दुकानों को शेफ और खाद्य विशेषज्ञों की मदद से स्वस्थ व्यंजन तैयार करने और पोषण संतुलन का ध्यान रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
तेल का स्वास्थ्य पर नहीं होगा दुष्प्रभाव
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए विभाग ने ‘री-पर्पस यूज्ड कुकिंग ऑयल (RUCO)’ पहल शुरू की है. इसके तहत दोबारा इस्तेमाल किए गए तेल के दुष्प्रभावों को कम करने और इसे फिर से खाद्य श्रृंखला में जाने से रोकने के लिए कड़ी निगरानी की जा रही है. इस्तेमाल किए गए तेल को एग्रीगेटर नेटवर्क के जरिए एकत्र किया जाएगा और उसे बायोडीजल, साबुन और अन्य गैर-खाद्य उत्पादों में रिसाइकिल किया जाएगा। इससे हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और लीवर संबंधी बीमारियों से बचाव होगा और पर्यावरण की भी रक्षा होगी.
‘ट्रिपल EEE रणनीति की लागू
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने ‘ट्रिपल EEE रणनीति’ (Educate, Enforce, Establish) लागू की है. इसके अंतर्गत Educate खाद्य व्यवसायियों एवं नागरिकों को प्रयुक्त तेल के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करना. Enforce खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुपालन को सख्ती से लागू कराना. इसके अलावा Establish प्रयुक्त तेल के संग्रहण एवं निस्तारण के लिए एक मजबूत प्रणाली स्थापित करना है.
तीर्थयात्रियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है सरकार की प्राथमिकता
खाद्य सुरक्षा आयुक्त एवं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है. ‘आज से थोड़ा कम’ और ‘RUCO’ जैसी पहलों से न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी