सतीश चंद्र बुड़ाकोटी को इंस्पेक्टर जनरल -IG, पद पर प्रमोशन के साथ फ्रंटियर मुख्यालय (स्पेशल ऑपरेशन) बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, ओडिशा में नियुक्ति मिली है। इस फ्रंटियर में वो एंटी नक्सल ऑपरेशन की कमान संभालेंगे। सतीश चंद्र बुड़ाकोटी का जन्म ग्राम-चाई, कौडिया पट्टी-लैंसडाउन, जहरीखाल ब्लॉक, पौड़ी गढ़वाल, उतराखण्ड में हुआ। सेंट एडमंड्स काॅलेज, शिलांग से स्नातक करने के बाद, वे 1986 में सीधी सहायक कमाण्डेंट के रुप में सीमा सुरक्षा बल में चयनित हुए। देशसेवा की प्रेरणा उन्हे पिता से ही मिली थी। उनके पिता स्वर्गीय योगेश्वर प्रसाद आर्मी मे कर्नल थे। सतीश चंद्र बुड़ाकोटी ने अब तक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में कमान संभाली है। पंजाब, जम्मु-कश्मीर और नार्थ इस्ट के उग्रवाद से ग्रसित राज्यों में अत्यंत कठिन और प्रतिकूल इलाकों में उन्होंने सेवा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ जम्मु-कश्मीर में नियंत्रण रेखा में वाहिनी के कमान संभाली हैं।
उन्होंने नियंत्रण रेखा पर कश्मीर में एक सेक्टर की भी कमान संभाली है। इसके अलावा उन्होंने फील्ड क्षेत्र के साथ-साथ दिल्ली में महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों में कार्य किया है।उन्हें विशेष रुप से बोस्निया और हर्जेगोविना में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ प्रतिनियुक्ति के लिए चुना गया, जहां उन्होेंने सीमा पुलिस प्रमुख और ऑपरेशन अधिकारी के सलाहकार के रुप में कर्तत्यों का पालन किया। इसके बाद उन्हें कुलीन कमांडो फोर्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के लिए चुना गया, जहां वो ग्रुप कमांडर थे। उन्हें वर्ष 2009 मे सहरनीय सेवा के लिए प्रतिशिक राष्ट्रपति के पुलिस पदक से समानित किया गया। बीएसएफ में एक अधिकारी के रुप मे अपने 35 वर्षों के लंबे और बेदाग करियर के दोरान, एस सी बुड़ाकोटी , महानिरीक्षक को जम्मू और कश्मीर, पंजाब और उत्तर पूर्व राज्यों मे आतंकवाद से लड़ने का व्यापक अनुभव है। वह सुरक्षा और संचालन संबंधी मुद्दों के हर पहलू में एक पूर्व विषेशज्ञ हैं। अधिकारी को नक्सल क्षेत्र में नक्सली ऑपरेशन का नेतृत्व करने के लिए सिलेक्ट गया था।