राजधानी देहरादून से अब तक की बड़ी खबर सामने आ रही है जानकारी के अनुसार बीते दो दिन पहले ही तीर्थपुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर प्रर्दशन किया था। वहीं अब तीर्थ पुरोहितों का आक्रोश और तेज हो गया है। बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर शनिवार 27 नवंबर को तीर्थ पुरोहित काले दिवस के रुप में मनाने जा रहे हैं। बता दें कि 27 नवंबर को ही देवस्थानम बोर्ड का गठन हुआ था। बता दें कि कृषि कानून वापस लेने के बाद तीर्थपुरोहितों की उम्मीद सरकार से बढ़ गई है। लेकिन सरकार से कोई स्पष्ट जवाब ना मिलने पर चुनावों से पहले तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा सरकार के खिलाफ और बढ़ने वाला है.
चुनावों से पहले देवस्थानम बोर्ड बीजेपी के लिए मुसीबत बनने वाला है क्योंकि सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई की देवस्थानम बोर्ड भंग करना है या फिर नहीं. उधर सरकार की ओर से स्पष्ट न होने से तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतारू हैं. हालांकि, इसके लिए 30 तारीख का वक्त सरकार ने दिया है. लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने अभी से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है.27 नवंबर को तीर्थ पुरोहित काला दिवस मनाने जा रहे हैं. देहरादून समेत प्रदेश भर में जन आक्रोश रैली भी निकाली जाएगी. ये रैली गांधी पार्क से सचिवालय तक निकाली जाएगी।
इसके साथ ही 1 दिसंबर से चारों धामों के शीतकालीन प्रवास पर तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन होगा. आज हुई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया कि बीते दिन 27 नवंबर को चारों धामों के तीर्थ पुरोहित काला दिवस के रूप में मनाएंगे.आपको बता दें कि 27 नवंबर 2019 को राज्य कैबिनेट से इस बोर्ड का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसलिए चारों धामों के तीर्थ पुरोहित एवं हकहकूकधारी इसे काला दिन के रूप में मना कर अपना विरोध जताएंगे. बता दें कि 27 नवंबर को गांधी पार्क से सचिवालय तक आक्रोश रैली निकाल कर तीर्थ पुरोहित अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे.