04 एवं 05 मई को गदरपुर में सरस्वती शिशु मंदिर में अनिरुद्ध काव्य धारा गदरपुर के तत्वावधान में अखिल भारतीय कवि संगठन का द्वितीय अधिवेशन आयोजित किया गया । जिसमें देश के कई जाने माने वरिष्ठ एवं युवा कवियों ने हिंदी भाषा के सुदृढ़ विकास के लिए अपने विचार रखे और काव्यपाठ किया। इस कवि सम्मेलन में ओखलकाण्डा क्षेत्र के सुरंग गांव निवासी साहित्य जगत के उभरते हुए युवा साहित्यकार संजय परगाँई ने अपने मुक्तकों का प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने कहा कि –
❝ बावफ़ा को सदा जानते तुम रहे ,
प्यार को तो सरल मानते तुम रहे ,
झूठ से ही बिता ली वहां जिंदगी ,
तीर सच का यहां तानते तुम रहे । ❞
भारतीय कवि संगठन के पदाधिकारियों ने कवि संजय को ससम्मान अंगवस्त्र प्रदान कर स्मृति चिन्ह के साथ काव्य साधक सम्मान से सम्मानित किया। संजय की इस उपलब्धि पर उन्हें शुभचिंतकों व पथप्रदर्शकों द्वारा बधाई व शुभाशीष प्राप्त हुए हैं।
भारतीय कवि संगठन द्वारा आयोजित द्वितीय कवि अधिवेशन में देश के विभिन्न शहरों से पधारे कवि मौजूद रहे। जिसमें झाँसी से वैभव दुबे , जयपुर से गोविंद भारद्वाज , हरिद्वार से पुष्पराज धीमान भुलक्कड़ , बाजपुर से काव्या श्री जैन , हल्द्वानी से कवि योगेश बहुगुणा ‘योगी’ , इंद्रा तिवारी ‘इंदु’, पुष्पलता जोशी , सौम्या दुआ , गीता मिश्रा गीत एवं विभिन्न शहरों के अनेक कवि मौजूद रहे।