आज पंच पूजा के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू होगी। परंपरा के मुताबिक पहले कपाट बंद करने की प्रक्रिया के पहले दिन धाम में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। जिसके बाद दूसरे दिन आदिकेदारेश्वर मंदिर और आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।
आज शुरू होगी बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया
भू-बैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होने हैं। जिसकी प्रक्रिया आज से शुरू हो जाएगी। आज पहले दिन धाम में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। धाम में आज सुबह भगवान गणेश की पूजा-अर्चना हुई। इसके बाद आज शाम गणेश मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
कपाट बंद करने की प्रक्रिया के दूसरे दिन 14 नवंबर को बद्रीनाथ मंदिर के सामने स्थित आदिकेदारेश्वर मंदिर और आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। जबकि तीसरे दिन 15 नवंबर को खड़क पुस्तक बंद हो जाएगी और इसी के साथ मंदिर में वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जाएगा।
16 नवंबर को माता लक्ष्मी को चढ़ाया जाएगा कढ़ाई भोग
कपाट बंद करने की प्रक्रिया के चौथे दिन यानी 16 नवंबर को माता लक्ष्मी की कढ़ाई भोग चढ़ाया जाएगा। 16 नवंबर को ही बद्रीनाथ धाम के रावल अमरनाथ नंबूदरी स्त्री वेश धारण करेंगे। स्त्रीवेश धारण कर रावल लक्ष्मी मंदिर जाएंगे और माता लक्ष्मी को भगवान बद्री विशाल के साथ गर्भगृह में विराजने का न्योता देंगे। इसके बाद 17 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के साथ माता लक्ष्मी के विराजमान होने के बाद मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।