मानसून की दस्तक के साथ केदारनाथ यात्रा की रफ्तार धीमी हो गई है। बीते एक सप्ताह में प्रत्येक दिन दर्शनार्थियों की संख्या घट रही है। साथ ही बाजारों, पैदल मार्ग व केदारपुरी में यात्रियों का दबाव पहले जैसा नहीं है। वहीं, सोनप्रयाग से भी प्रतिदिन सुबह से दोपहर तक यात्रियों की धाम रवानगी भी कम हुई है।
6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस वर्ष नए आयाम स्थापित कर रही है। कपाटोद्घाटन पर जहां रिकार्ड 23,512 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, वहीं यात्रा के शुरुआती छह दिनों में ही धाम में दर्शनार्थियों का आंकड़ा एक लाख पहुंच गया था। मई के 26 दिनों में जहां 4,35,203 श्रद्धालु धाम पहुंचे, वहीं जून के 19 दिनों में 3,11,547 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
बीते 13 जून से धाम में प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या में कमी आई है। आंकड़ों पर गौर करें तो जहां 1-12 जून तक 2,17,803 यात्री केदारनाथ पहुंचे थे, वहीं 13 से 19 जून तक सात दिनों में 93,744 यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डा. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि मानसून की दस्तक के साथ ही केदारनाथ में यात्रियों की संख्या में भी कमी आने लगी है।
सोमवार से हो रही बर्फबारी के कारण प्रशासन द्वारा हेमकुंड साहिब की यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई थी। मौसम खुलने के बाद आज मंगलवार को फिर से यात्रा शुरू कर दी गई है। हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि सभी स्टेशनों से यात्री अब हेमकुंड साहिब की ओर बढ़ रहे हैं।
केदारनाथ में यात्री दबाव कम होने से टेंट कॉलोनियों में कई टेंट अब रात को खाली रह रहे हैं। भले ही गढ़वाल मंडल विकास निगम के पास आगामी 30 जून तक बुकिंग फुल है। सोनप्रयाग, गौरीकुंड कस्बों में भी यात्री दबाव कम हो गया है। केदारनाथ में बीते एक सप्ताह से प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है। बरसाती मौसम में पैदल मार्ग से धाम में यात्रियों की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस को पूरी तरह सतर्क रहने को कहा गया है