इस शख्स ने कर डाला कमाल हवा में कर दिया आलू की खेती

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आलू को सब्जियों का राजा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसके बिना रसोई में बनने वाली हर सब्जी अधूरी होती है। हर मौसम में मिलने वाला आलू देशी हो या विदेशी भोजन बनाने में काम आता है। आलू की पैदावार यूं तो खेत की मिट्टी के अंदर होती है, लेकिन गुजरात के सूरत में एक शख्स ने कमाल कर दिया। दरअसल, यह शख्स आलू अपने घर की छत पर बने किचन गार्डन में पैदा कर रहा है।

आज के समय में केमिकल के सहारे पैदा हुईं सब्जियां ही बाजार से खरीदकर हम और आप खाते हैं। केमिकल युक्त सब्ज़ियां हम सभी जानते है कि काफ़ी नुक़सानदायक है, लेकिन फिर भी उन सब्ज़ियों को ख़रीदना और खाना इंसानी मजबूरी है। केमिकल युक्त सब्ज़ियों के जमाने में ओर्ग़ेनिक सब्ज़ियां मिलना तो बहुत मुश्किल है। सूरत के अडाजन इलाक़े में रहने वाले सुभाष पेशे से यूं तो इंजीनियर है लेकिन अपने घर के टेरस गार्डन पर वो खेती कर किसानी का काम भी करते हैं।

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घर बैठे उनके परिवार को विविध प्रकार की ओर्ग़ेनिक सब्ज़ियां मिले इसलिए सुभाष ने अपनी घर की छत पर ही खेती कर सब्ज़ियों की पैदावार शुरू कर दी है। लेकिन इन सब सब्ज़ियों के बीच सुभाष भाई ने अपनी इस घर खेती में आलू की पैदावार ज़मीन के नीचे नहीं, बल्कि हवा में कर डाली। हूबहू ज़मीन के नीचे मिट्टी में पैदा होने वाले आलू की तरह दिखने वाला ये यूं तो एक जंगली फल है लेकिन इसका स्वाद और रूपरंग बिल्कुल आलू जैसा है और ये ज़मीन की मिट्टी में नहीं बल्कि बेल पर उगता है।

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घूमने-फिरने के शौकीन सुभाष एक बार जब सौराष्ट्र के गिर जंगलो में घूमने गए थे तब वो वहां से हवाई आलू के बीज लेकर आए थे। आम तौर पर ये हवाई आलू पहाड़ी राज्यों के जंगलो में ख़ुद ही उग आते है। इस एयर आलू का बोटनिकल नाम डीओसकोरिया बल्बीफेरा है। घर की छत पर बने ख़ेत में अलग अलग प्रकार की आर्गेनिक सब्ज़ियां और उसमें ख़ासकर ये हवाई आलू सोशल मीडिया पर काफ़ी चर्चा में है और इसकी मांग भी बढ़ रही है।

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जंगल में ये हवाई आलू केमकिल या खाद के उपयोग बिना ही उग जाते है साथ ही उसे पानी की भी ज़्यादा ज़रूरत नहीं होती है। इसकी बेल वर्ष में अनेक बार अपना फल देती है। फिलहाल सूरत शहर में रहने वाले सुभाष जंगल के आलू को शहर में पैदा कर सुर्ख़ियां बटोर रहे हैं।

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