आपने कहावत सुनीं होगी पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती है। लेकिन आज के युग में यह कहावत ठीक उल्टी हो गई है। खबर उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से है। जहां एक मां ने अपने ही बच्चे का सौदा आठ लाख रूपये मंे कर डाला। इसकी भनक जब पुलिस को लगी तो पुलिस ने मां-नाना, बिचैलिये की भूमिका निभानी वाली महिला और बालक खरीदने वाले उसके निसंतान भाई को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही एडवांस ली गये पांच लाख रूपये भी बरामद किये गये।
पुलिस को गुरुवार राजविहार कालोनी के एक घर में मासूम की खरीद फरोख्त की सूचना मिली। जिसके बाद पुलिस ने छापा मारकर दो महिलाओं और दो पुरुषों को पकड़ लिया। इस दौरान जब पूछताछ की तो मासूम के सौदेबाजी की सनसनीखेज कहानी सामने आई। गिरफ्तार आरोपी हरिद्वार की राजा गार्डन निवासी हर्षी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके भाई महावीर की शादी को 10 वर्ष हो चुके हैं, उसकी एक बेटी है। जबकि भाई-भाभी एक लड़का चाहते थे। इसलिए उसकी एक परिचित अन्नू नाम की महिला ने अपनी तलाकशुदा भतीजी मोनिका के तीन माह के बेटे को बेचने की बात कही। आगे पढ़िये…
जिस पर उसके भाई-भाभी मोनिका से बच्चा खरीदने के लिए राजी हो गए थे। जिसके बाद पुलिस ने तीन माह के बेटे को बेचने वाली आरोपी हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की निवासी मोनिका, उसके पिता पिंटू और खरीदार देहरादून निवासी महादेव को भी पकड़ लिया। पुलिस ने चारों आरोपियों मोनिका, पिंटू, महादेव व हर्षी को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में कनखल थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ का कहना है कि मोनिका दो शादी कर चुकी है। उसका दूसरे पति से कुछ माह पूर्व ही तलाक हुआ है। दूसरे पति से ही यह बालक हुआ है। जबकि पहले पति से एक लड़क और एक लड़की है। ऐसे में आरोपी मोनिका का कहना है कि वह बच्चों को पालन-पोषण नहीं कर सकती है। इसलिए उसने बच्चे को बेचने की योजना बनाईआठ लाख रुपये में सौदा तय होने के बाद महादेव पांच लाख रुपये लेकर बच्चा लेने पहुंचा। बताया कि मोनिका और उसके पिता 11 लाख की मांग करने लगे। जिसके बाद विवाद हो गया। हो हल्ला होने पर लोगों की इसकी भनक लगी तो उन्होंने पुलिस को सूचित कर दिया।