मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना एवं मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना की वित्तीय वर्ष 2022-23 की कार्य योजना के निर्माण विषयक बैठक जिलाधिकारी श्री विनीत तोमर की अध्यक्षता में तथा मुख्य विकास अधिकारी श्री राजेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में जिला सभागार में आहूत हुई।
बैठक के दौरान 2021-22 के कार्यों की भी समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि पूर्व में पूर्ण हो चुके कार्यों की एम0पी0आर0 शीघ्र प्रेषित कर।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत सीमांत गांवों में पलायन रोकने को लेकर स्वरोजगार सृजन पर कार्य किये जाए। जिससे सीमांत क्षेत्र के लोगों को वही आजीविका प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा की रोजगारपरक से सम्बंधित योजना हेतु जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क कर प्रस्ताव बनाये।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सीमा से लगे अधिकतम 50 किलोमीटर तक की गांव को इस योजना का लाभ मिलता हैं।
उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिस भी विभाग के प्रस्ताव हैं शीघ्र प्रस्ताव बना कर दें।
इसके साथ ही शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में पार्किंग स्थल के प्रस्ताव भी एक सप्ताह के भीतर प्रेषित करें जिससे ये प्रस्ताव शासन को भेजे जा सके तथा आजीविका वाले कोई भी प्रस्ताव हो तो 3 दिन के भीतर प्रेषित करें।
कहा कि जनपद के सीमांत वाले विद्यालयों में बालिका शौचालय नही है तो उसके भी प्रस्ताव तैयार कर जल्द प्रेषित करें।
बैठक का संचालन करते हुए जिला विकास अधिकारी ने अन्य बिंदु भी जिलाधिकारी महोदय के समक्ष रखें।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी केके अग्रवाल, खण्ड विकास अधिकारी चंपावत कमल किशोर पांडे, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र दीपक मुरारी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़, निदेशक आरसेटी आरपी टम्टा, जिला भेषज समन्वयक कमलेंद्र यादव, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी एमसी पांडे, अधिशासी अभियंता ग्रामीण निर्माण विभाग के के जोशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
जिला सूचना अधिकारी, चंपावत।