
बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल समेत तकनीकी डिप्लोमा प्राप्त छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधियों ने परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लेने और संबंधित परीक्षा को निरस्त करने के फैसले पर आभार व्यक्त किया।
परीक्षा रद्द करने पर बेरोजगार संघ ने किया सीएम धामी का आभार व्यक्त
मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित भर्ती प्रक्रिया के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट संदेश है कि उत्तराखंड में किसी भी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार, नकल या अनुचित साधनों के लिए शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति अपनाई जाएगी।
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परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले पर होगी कड़ी कार्रवाई
सीएम ने कहा कि युवाओं की मेहनत और प्रतिभा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार ने नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में सशक्त कदम उठाया है। इस कानून के लागू होने से अब कोई भी व्यक्ति या संगठन परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करेगा तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
युवाओं के हितों की रक्षा के लिए तत्पर है सरकार: CM
सीएम ने कहा कि सरकार लगातार इस दिशा में कार्य कर रही है कि हर पात्र युवक-युवती को निष्पक्ष अवसर मिले और राज्य के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और विश्वास का माहौल स्थापित हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत, लगन और ईमानदारी ही राज्य के भविष्य की सबसे बड़ी पूंजी है। सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर है।
संघ के प्रतिनिधियों ने की भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से संचालित करने की मांग
संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि भविष्य की परीक्षाओं में नकल-रोधी प्रावधानों को और अधिक मजबूत किया जाए। साथ ही भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों के सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि पारदर्शी भर्ती ही सुशासन की पहचान है और राज्य सरकार इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।