उत्तराखंड सरकार पहली बार राज्य मत्स्य पालन विकास बोर्ड का करेगी गठन

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मछली पालन से रोजगार बढ़ाने के लिए उत्तराखंड सरकार पहली बार राज्य मत्स्य विकास बोर्ड का गठन करेगी। सचिव मत्स्य की अध्यक्षता में बोर्ड का ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति की बैठक में बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया।

अभी छह हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादन
उत्तराखंड में 11 हजार से अधिक लोग मछली व्यवसाय कर रहे हैं। इसमें करीब छह हजार मीट्रिक टन मछली का उत्पादन होता है। प्रदेश में अभी तक कॉमन कार्प, सिल्वर कॉर्प, राहू मछली का उत्पादन अधिक है। सरकार ने आने वाले एक साल के भीतर मछली उत्पादन 11 हजार मीट्रिक टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

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ट्राउट फिश के उत्पादन पर जोर
बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार की योजना ट्राउट फिश उत्पादन बढ़ाकर रोजगार उपलब्ध कराने की है। इसके लिए प्रदेश सरकार पशुधन विकास बोर्ड की तर्ज पर अब मछली पालन के लिए अलग से मत्स्य विकास बोर्ड बनाने जा रही है।राज्य मत्स्य पालक विकास अभिकरण की प्रबंध समिति की बैठक में बोर्ड का गठन फैसला लिया गया। सरकार का मानना है कि बोर्ड के माध्यम से मछली पालन योजना को संचालित किया जाएगा।

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क्या कहते हैं पशुपालन मंत्री
प्रदेश में मछली पालन में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार अलग से बोर्ड बनाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। बोर्ड के माध्यम से मछली पालन योजनाओं का क्रियान्वयन और मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
– सौरभ बहुगुणा, पशुपालन मंत्री

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जिला वार मछली उत्पादन की स्थिति
जिला मछली उत्पादन (मीट्रिक टन)
उत्तरकाशी 93.542
चमोली 149.285
टिहरी 83.524
देहरादून 295.53
पौड़ी गढ़वाल 73.036
रुद्रप्रयाग 44.17
हरिद्वार 1424.89
पिथौरागढ़ 96.184
अल्मोड़ा 54.43
नैनीताल 53.081
बागेश्वर 48.152
चंपावत 30.315
ऊधमसिंह नगर 2921.349

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