पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में जंगलों और उनके इर्द-गिर्द कूड़ा-कचरा फेंकना अब भारी पड़ सकता है। ठोस व तरल अपशिष्ट के कारण जंगल और वन्यजीवों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए शासन ने वन विभाग को ऐसे क्षेत्र चिह्न्ति कर जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।उधर, विभाग ने वन प्रभागों द्वारा सालभर बाद भी ऐसे स्थल चिन्हित न करने पर नाराजगी जताते हुए मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल एवं कुमाऊं को अनुस्मारक भेजने का निश्चय किया है।
जंगलों में फेंका जा रहा कूड़ा-कचरा और तरल अपशिष्ट मुसीबत का सबब बना हुआ है। यह अपशिष्ट जहां जंगलों में भूजल, वायु व मिट्टी को प्रदूषित कर रहा है, वहीं जंगल और उसके आसपास फेंके गए कूड़े-कचरे से मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। आसान भोजन की तलाश में वन्यजीव कचरे के ढेर पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में वे अक्सर आबादी क्षेत्र की तरफ रुख कर देते हैं। नतीजतन, मानव व वन्यजीवों के मध्य टकराव का एक कारण ठोस व तरल अपशिष्ट बन रहा है। यही नहीं, कुछ समय पहले राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार व लैंसडौन वन प्रभाग में हुए अध्ययन में हाथी के मल में पालीथिन, प्लास्टिक, तार के टुकड़े आदि पाए गए थे। हाथियों को ये सब जंगल के नजदीक फेंके गए कचरे से मिला, जिसे वे भोजन समझकर खा रहे हैं।
इस सबको देखते हुए पिछले साल पांच जनवरी को अपर प्रमुख वन संरक्षक पर्यावरण एसएस रसाईली ने गढ़वाल व कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षकों को पत्र भेजकर सभी वन प्रभागों में ऐसे स्थल चिह्न्ति करने के निर्देश दिए थे, जहां ठोस एवं तरल अपशिष्ट निस्तारित किया जा रहा है। इस संबंध में जिला, वन प्रभाग, रेंज, कंपार्टमेंट क्षेत्र, कचरा फेंकने वाले निकाय, व्यक्ति व संस्था का नाम, चिह्न्ति स्थल की जीपीएस लोकेशन, कूड़े से अटे क्षेत्र व उसके पास के जल स्रोत का विवरण मांगा गया था। इसके पीछे मंशा यही थी कि ठोस व तरल कचरा फेंकने के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जा सके। बावजूद इसके प्रभागों ने अभी तक वन मुख्यालय को इस संबंध में रिपोर्ट नहीं भेजी है। अब शासन ने भी इस विषय को बेहद गंभीरता से लिया है।
प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने बताया है कि जंगलों और उनके आसपास ठोस व तरल अपशिष्ट का निस्तारण किया जाना बेहद गंभीर है। विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द ऐसे क्षेत्र चिह्न्ति करें। साथ ही जो जिम्मेदार व्यक्ति अथवा संस्थाएं हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाना सुनिश्चित करें।