उत्तराखंड-यहाँ स्वीकृत हुई हॉटमिक्स सड़क, डाली जा रही टाइल्स रोडराज्य योजना से स्वीकृत एक करोड़ 61 लाख के बंदरबांट का आरोप

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रुद्रपुर : आवास विकास में सड़क निर्माण के पीछे कुछ अलग ही कहानी चल रही है। अति व्यस्ततम इलाके में भारी वाहनों की आवाजाही के बावजूद इस सड़क पर मनमानी की रोड पड़ रही है। कार्यदायी संस्था pwd के कुछ अफसर मानकों के विपरीत यहां ठेकेदार की मिलीभगत से टाइल्स रोड डाल रहे हैं, जो लोगों को बर्दाश्त नहीं। स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि अफसर हों या जनप्रतिनिधि, सभी की मिलीभगत से इस रोड निर्माण में बड़ा घोटाला किया जा रहा है।

आवास विकास में बृहस्पति देव मंदिर से अटरिया रोड तक जाने वाली 1.2 किलोमीटर की सड़क पिछले काफी समय से गड्डो में तब्दील है। स्थानीय लोगों की मांग पर यहां हॉटमिक्स सड़क स्वीकृत हुई थी, लेकिन यह सड़क घोटाले की भेंट चढ़ गई। राज्य योजना से इसके लिए एक करोड़ 61 लख रुपए ( विद जीएसटी ) पास करा लिया गया और यहां हॉटमिक्स के बदले टाइल्स रोड डाली जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है की टाइल्स रोड 4 दिन भी नहीं चलेंगी, क्योंकि यहां से हजारों की संख्या में लोगों के साथ ही बड़े व छोटे वाहनों का आवागमन होता है। बरसात के दिनों में पानी भी भर जाता है, ऐसे में टाइल्स रोड तो यहां रुकेगी ही नहीं।

वहीं 15 साल पहले क्योंकि यहां हॉटमिक्स सड़क डाली गई थी, ऐसे में बेस बना हुआ है। ठेकेदार को सिर्फ यहां लेयर डालनी थी लेकिन ऐसा न करके टाइल्स रोड डाली जा रही है और नीचे के बेस को भी उठाकर बेचने का काम किया जा रहा है। यानी ठेकेदार के दोनों हाथ में लड्डू है। सड़क में आने वाला कुल खर्च 25 लाख के भीतर बताया जा रहा है जबकि स्वीकृत हुआ है एक करोड़ 61 लख रुपये। ऐसे में सबा करोड़ से अधिक के बंदरबांट की तैयारी कर ली गई है। लोग निराश और नाराज हैं, बावजूद जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। कुछ दुकानदारों ने तो आत्मदाह की धमकी तक दे डाली है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी, सिंडिकेट बनाकर इस रोड की आड़ में बड़ा घोटाला कर रहे हैं।

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लोगों का आरोप है कि ठेकेदार एक असरदार व्यक्ति है। उसने मुखोटे के रूप में कुछ स्थानीय छोटे ठेकेदारों को आगे कर रखा है। लोगों का कहना है कि अगर उनकी न सुनी गई तो वह रोड पर धरना देंगे और काम रुकवा देंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार की खुद की टाइल्स फैक्ट्री है, तो ऐसे में यहां टाइल्स रोड मनमानी कर डाली जा रही है। वहीं इस मामले में विपक्षी राजनीतिक दल के लोगों ने विरोध किया तो उन्हें शांत करा दिया गया। स्थानीय लोग परेशान हैं और अब आंदोलन का मन बना रहे हैं।

बाल श्रम के छापे के पीछे भी यही सड़क !
लोगों का सीधा आरोप है कि हाल ही में इस सड़क के किनारे कारोबार करने वाले दुकानदारों के यहां बाल श्रम के छापे इसीलिए पड़वाए गए, क्योंकि वह टाइल्स रोड का विरोध कर रहे थे। उन्हें दबाव में लेने की कोशिश की गई, ऐसे में कुछ दुकानदार चुपचाप होकर बैठ गए और अब विरोध की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। आरोप है कि जनप्रतिनिधि स्थानीय लोगों की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं। लेकिन यह आवाज शांत होने वाली नहीं है।

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आखिर Pwd क्यों बन रहा है पार्टी
इस पूरे मामले में pwd कार्यदायी संस्था नहीं, बल्कि पार्टी बनकर काम कर रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि ठेकेदार से उसकी बड़ी मिलीभगत है। सड़क निर्माण से पहले दोबारा सर्वे करने वाले पीडब्ल्यूडी के अधिकारी लोगों से कह कर रहे हैं कि सड़क 10 साल पूरे चलेगी और यह उनकी गारंटी है। जबकि ठेकेदार ने 2 से 3 साल के एग्रीमेंट पर साइन हुए हैं। यहां तक की टाइल्स रोड डालने की जिद पर अड़े पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ट्रक और ट्रैक्टर तक ले आए और टाइल्स बिछाकर लोगों को यह दिखाने की कोशिश की कि भारी वाहनों के गुजरने से टाइल्स रोड का कुछ भी नहीं होगा। बड़ा सवाल यह है कि आखिर सर्वे करने वाले अधिकारी क्यों मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस रोड पर भारी वाहनों के दबाव के बावजूद टाइल्स रोड की जिद पर अफसर और जनप्रतिनिधि क्यों अड़े हैं। लोगों ने इसके पीछे बड़े घोटाले का आरोप लगाया है।

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असहज हैं इस क्षेत्र के दोनों पार्षद
इस रोड को लेकर सिंडिकेट बनने से क्षेत्र के दोनों पार्षद राजेश जग्गा और रमेश कालरा असहज हैं। इन दोनों से बात की गई तो वह टाइल्स रोड के पक्ष में नहीं दिखे। दोनों को हाल ही में प्रस्तावित नगर निगम चुनाव में भी हारने का डर सता रहा है। दोनों पार्षदों का कहना है कि उन्होंने जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से इस संबंध में वार्ता की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। रमेश कालरा हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं। ऐसे में उनका तो यहां तक कहना है कि सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गए हैं। खैर, जो भी हो पर सड़क का यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

व्यापार मंडल अध्यक्ष बोले, हम व्यापारियों के साथ
प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष संजय जुनेजा का कहना है कि वह इस रोड के व्यापारियों के साथ हैं। वह अगर कोई भी विरोध प्रदर्शन करेंगे तो वह उनके साथ खड़े होंगे। उन्होंने बाल श्रम के छापे के पीछे सड़क होने की जानकारी से इनकार किया। यह भी कहा कि छापे की जानकारी व्यापारियों ने उन्हें नहीं दी। उनका कहना है कि व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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